अनोखा प्रदर्शन : ग्रेड पे 3600 की मांग को लेकर बाबू एकता मंच का पैदल यात्रा का शतक पूरा
संघर्ष का सफर जारी, सरकार पर पड़ सकता है भारी
बीकानेर । बाबू एकता जिंदाबाद, ग्रेड पे-3600, ये दीवाने कहां चले जयपुर चलें जयपुर चलें जैसे नारे लगाते लगाते बीकानेर शिक्षा निदेशालय के ये कार्मिक पिछले 9 दिन से पैदल चलते चलते चूरू जिले के परसनेउ गांव पहुंच गए। यहां तक इन कार्मिकों ने अब तक 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर ली है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार तक इन संघर्षशील कदमों की आहट से सचिवालय की धरती में कंपन जरूर महसूस किया जा रहा है। मदनमोहन व्यास, गिरिजा शंकर आचार्य व कमल नारायण आचार्य की पैदल यात्रा का जारी संघर्ष राज्य सरकार पर भारी पड़ सकता है। सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन के इतिहास में इस अनोखे प्रदर्शन को कार्मिकों के अलावा अपार जन समर्थन भी मिल रहा है। अब सरकार पर निर्भर है कि जयपुर पहुंचने से पहले इनकी मांगों को मान लें। वरना जयपुर पहुंचने के बाद राजस्थान में एक बड़े संघर्ष की उम्मीद जताई जा रही है।
अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच द्वारा आयोजित ग्रेड पे 3600 कनिष्ठ सहायकों को देने की एक सूत्रीय मांग को लेकर बीकानेर से जयपुर पैदल मार्च को लेकर बुधवार को नवें दिन शतक पूर्ण कर 108 किलोमीटर दूर परसनेउ जिला चूरु सुबह 10.15 पर पहुंच गया है। 100 किलोमीटर की यात्रा आंदोलन पर पूरे प्रदेश से बाबू बंधुओं की शुभकामनाएं प्राप्त हो रही है। मंच के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मार्मिक अपील करते हुए संवेदनशील होकर दीपावली पर कनिष्ठ सहायक,(लिपिक ग्रेड-२)को स्टेट पैरिटी के आधार पर ग्रेड पे 3600(एवं -10) स्वीकृति आदेश जारी करने का आग्रह किया गया है।
एकता मंच के प्रदेश संरक्षक मदनमोहन व्यास ने बताया कि शासन स्तर पर वार्ता के प्रयास भी जारी है ओर जयपुर पैदल मार्च भी जारी है व्यास ने मुख्यमंत्री पर विश्वास व्यक्त करते हुए बाबू बंधुओं (लिपिक वर्ग) को आर्थिक न्याय दिलाने की पुरजोर मांग की है।
प्रदेश संयोजक कमल नारायण आचार्य ने बताया कि वार्ता नहीं होने पर एक सूत्रीय मांग पैदल मार्च आंदोलन दीपावली पर भी जारी रहेगा।
आचार्य ने बताया कि शासन, प्रशासन, पुलिस प्रशासन, सीआईडी, सम्मानित प्रेस -मिडिया एवं प्रदेश भर से बाबू भाईयों का तथा अन्य कर्मचारी साथियों का अभूतपूर्व योगदान है जिसके लिए अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच हार्दिक आभार प्रकट करता है।