पर्यावरण शर्तों की अवहेलना पर रीको को एनजीटी का नोटिस
बीकानेर । बीकानेर के करणी औद्योगिक क्षेत्र विस्तार परियोजना में लम्बे समय से एक बहुत बड़े क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयों के वेस्ट वाटर का तालाब बन चुका है। अब यह तालाब क्षेत्र की इकाईयों के लिए नासूर बन चुका है। इस संबंध में यहां के औद्योगिक संगठन लगातार संघर्ष कर रहे हैं। प्रमुख उद्योगपति नारायण दास तुलसानी इस संबंध में लम्बी कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। क्षेत्र में पिछले 14 सालों से दूषित वेस्ट वाटर का निस्तारण नहीं करने और एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों की अवहेलना करने पर अब नेशनल ग्रीन टिब्यून नई दिल्ली ने रीको को नोटिस भेजा है। इस संबंध में कारोबारी एवं करणी नगर पवनपुरी निवासी नारायण दास तुलसानी की एनजीटी की प्रिंसिपल ब्रांच के समक्ष शिकायत पंजीकृत की गई थी। इस मामले की 11 जुलाई 2022 को एनजीटी के जस्टिस अरूण कुमार त्यागी व विशेषज्ञ न्यायिक सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने सुनवाई की। उन्होंने इसे लेकर संबंधित एजेंसियो को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई इस 18 अक्टूबर को होगी। 👇
दरअसल पर्यावरण विभाग द्वारा करणी औद्योगिक क्षेत्र विस्तार परियोजना को स्थापित करने के लिए 11 अप्रेल 2017 पर्यावरण स्वीकृति जारी की गई थी। रीको द्वारा पर्यावरण स्वीकृति में अंकित शर्तों का उल्लघंन/ अवहेलना के संदर्भ में नारायण दास तुलसानी द्वारा पिछले तीन वर्षों से राज्य सरकार/ रीको जयपुर व नोडल अधिकारी बीकानेर/ राज्य प्रदूषण मंडल/ पर्यावरण विभाग को पत्र भेजे गए। जिस पर प्रदूषण मंडल द्वारा 25 जून 2020 को करणी औद्योगिक क्षेत्र विस्तार के सामने जमा उचिष्ठ जल तथा पर्यावरण स्वीकृति में अंकित शर्तों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण की रिपोर्ट के बाद प्रदूषण मंडल की चैयरमेन वीनू गुप्ता द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र 13 जुलाई 2021 व 8 अप्रेल 2022 रीको के प्रबंधक निदेशक को जारी किया गया। फिर प्रदूषण मंडल /पर्यावरण विभाग के मुख्य सचिव द्वारा कार्रवाई नहीं करने के कारण प्रार्थी को 30 मार्च 2022 के पत्र के तहत एनजीटी नई दिल्ली को अपनी परिवेदना प्रस्तुत करनी पड़ी। जिसकी जांच कर एनजीटी की मुख्य शाखा ने संज्ञान लेते हुए 11 जुलाई 2022 को आदेश जारी किया। जिसमें आगामी 18 अक्टूबर 2022 को सुनवाई होनी है।