राष्ट्र निर्माण तभी संभव, जब सभी नागरिक राष्ट्र के विकास में शामिल हों: डॉ. बिस्सा
बेसिक पी.जी. कॉलेज में हिन्दी पखवाड़े के अन्तर्गत दूसरे दिन डॉ. गौरव बिस्सा रहे मुख्य वक्ता
बीकानेर। ‘हिन्दी पखवाड़ा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में ‘‘राष्ट्र की उन्नति में शिक्षा और युवाओं का योगदान’’ विषयक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया। इस प्रतियोगिता हेतु मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. गौरव बिस्सा, एसोसिएट प्रोफेसर एवं मोटिवेशनल स्पीकर, ईसीबी कॉलेज, बीकानेर शामिल हुए तथा महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विषय प्रवर्तन करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण ये तीन प्रमुख तत्व हैं जो एक राष्ट्र की प्रगति में योगदान करते हैं। जब देश के युवाओं को शिक्षित किया जाता है और उनकी शिक्षा का सही उपयोग किया जाता है, तो एक राष्ट्र एक स्थिर गति से विकसित होता है।
डॉ. पुरोहित ने बताया कि हमारे देश की निरक्षर आबादी हमारे देश की प्रगति में बाधा डालती है। हमारे देश की सरकार को तार्किक, तर्कसंगत और खुले दिमाग से सोचने के लिए उन्हें सही शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए। यह उन्हें एक जिम्मेदार तरीके से कार्य करने और हमारे राष्ट्र की प्रगति के लिए काम करने में मदद करेगा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. गौरव बिस्सा ने बताया कि राष्ट्र निर्माण एक देश के सभी नागरिकों को सामाजिक एकता, राजनीतिक स्थिरता और व्यापक और लोकतांत्रिक तरीके से आर्थिक समृद्धि के निर्माण की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। राष्ट्र निर्माण तभी संभव है, जब सभी नागरिक राष्ट्र के विकास में शामिल हों। यह एक देश का युवा है जो राष्ट्र निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करके युवाओं को सशक्त बनाना चाहिए। बढ़ती अर्थव्यवस्था में युवाओं की भागीदारी देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देगी और उन्हें राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह उनके राष्ट्र की प्रगति में उनकी रुचि भी बढ़ाएगा जिससे राष्ट्रीय विकास होगा। यह हमारे युवाओं के विकास और शिक्षा के लिए अन्य साधन प्रदान करके उनके भविष्य के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
डॉ. बिस्सा ने बताया कि शिक्षा एक व्यक्ति के लिए सही नींव बनाने में मदद करती है और उसे स्वतंत्र विकल्प बनाने और अपने सपनों का पीछा करने का अधिकार देती है। युवाओं को उनके व्यक्तिगत विकास और राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए अपनी ऊर्जा और कौशल को व्यवहार में लाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे जो अंततः राष्ट्र की समग्र प्रगति और विकास को बढ़ावा देगा। सरकार को राष्ट्र की महत्वपूर्ण गतिविधियों में युवाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनानी चाहिए।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि आज युवा जोखिम लेने, चुनौतियों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं। वे अपने जुनून को पेशे में बदलने के लिए खुद पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं जो उन्हें और अधिक सफल बनाता है।
व्यास ने बताया कि हमारे देश के युवा प्रयोग करने के लिए खुले हैं और नृत्य, संगीत, फोटोग्राफी, ब्लॉगिंग, मॉडलिंग, अभिनय, लेखन और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल और चमक चुके हैं। वे जो करते हैं, उसके बारे में भावुक होते हैं, जो प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।
भाषण प्रतियोगिता के दौरान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा मुख्य वक्ता डॉ. गौरव बिस्सा को शॉल एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित करते हुए आभार प्रकट किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, श्री वासुदेव पंवार, डॉ. नमामिशंकर आचार्य, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, श्री सौरभ महात्मा, सुश्री संध्या व्यास, सुश्री श्वेता पुरोहित, सुश्री प्रियंका देवड़ा, श्री गणेश दास व्यास, सुश्री ज्योत्सना पुरोहित, श्री जयप्रकाश, श्रीमती अर्चना व्यास, श्री हिमांशु, श्री शिवशंकर उपाध्याय, श्री पंकज पाण्डे, श्री महेन्द्र आचार्य आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।