लाॅकडाउन की आड़ में व्यापारियों से विश्वासघात
बीकानेर। एक ओर लाॅक डाउन के चलते पिछले 25 दिन से जहां व्यापारी अपनी दुकानों और फैक्ट्रियों में शट-डाउन करके बैठे हैं वहीं दूसरी और सरकार ने 20 अप्रैल से फ्रीज,टीवी, कूलर मोबाइल व रेडीमेड गारमेन्ट को अमेज़न, फ्लिप्कार्ट व स्नेपडील से ऑनलाइन सामान बेचने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। सरकार का यह निर्णय देशहित में लाॅक डाउन की पालना कर रहे व्यापारियों के साथ विश्वासघात होगा।
देशभर में हर गांव,शहर में हर छोटे बड़े दुकानदारों ने अपने शोरुमों व गोदामों में जो माल भर कर रखा है उसका क्या होगा, एक-दो माह में फ्रीज-कूलर का सीजन भी चला जाएगा। कारोबरियों ने सरकार से इन ऑनलाइन कम्पनियों से खरीदी का आदेश वापस लेने की मांग की है। उन्होंने लाॅक डाउन की आड़ में इन ऑनलाइन कम्पनियों को पूरा व्यापार सौंपने का विरोध किया है। यह सही भी है कि कोरोना वायरस से लड़ाई में देश का हर छोटा बड़ा व्यापारी तन, मन व धन से हर भारतवासी की दोनों हाथों से खुलकर मदद कर रहा है। ऐसे में सरकार का यह निर्णय व्यापार एवं व्यापारियों के हितों के साथ कुठाराघात है।
बीकानेर के कूलर कारोबारी हेमंत मेहता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए ट्विट कर मांग की है कि बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां तो अपना माल बेचेंगी और रिटेलर घर पर बैठकर अपने श्रमिकों को वेतन देने, रेंट और ब्याज चुकाने का काम करेंगे। यह न्यायसंगत नहीं है। इसलिए सरकार इस संबंध में पुनः विचार करें।
इनका कहना है
सभी राज्यों की सरकारों से मार्मिक अपील है कि गर्मी शुरू हो गई है लाखों लघु कूलर उद्योग वाले सरकार की नीति को मुंह बाए व आशापूर्ण उम्मीद से देख रहे हैं कि सरकार 20 अप्रैल से इनकी बिक्री की इजाजत देगी परंतु सरकार ने इनकी न सुनकर ऑनलाइन वालों को बाजार लूटने की छूट दे दी है अगर ऐसा ही हुआ तो हिंदुस्तान के लाखों परिवार तबाह हो जाएंगे और सिर्फ कुछ संपन्न परिवारों को छोड़कर ज्यादातर इसकी लघु इंडस्ट्री अपना घाटा पूरा न होने की वजह से शायद अगले सीजन तक कर्ज वह टेक्स से तबाह हो जाए। आज सरकार को अपनी नीति इस तरह बनानी चाहिए कि व्यापारी बच सके। छोटे व्यापार को चरणबद्ध तरीके से ही खोलें। सरकार सिर्फ ऑनलाइन विदेशी कंपनियों को व्यापार करने की खुली छूट प्रदान ना करें। के के मेहता, अध्यक्ष, बीकानेर फाइबर कूलर एसोसिएशन
यह तो शत प्रतिशत गलत है। यदि सरकार ऐसा कर रही है ऑनलाइन बाहर की कम्पनियों को माल बेचने दे रही है तो देश का रिटेलर जो दुकान लगा कर बैठा है उसको यदि माल बेचने नहीं दिया जा रहा है तो उसने जो इन्वेस्टमेंट कर रखा है। उसको रेन्ट भी देना पड़ रहा है। स्टाफ सैलेरी भी चुकानी भी पड़ रही है । तो उस दुकानदार की क्या गलती है। उसको यह सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है। इससे अच्छा तो हम सरकार से डिमांड करते हैं कि जो रिटेल की दुकान लेकर बैठा है उसको ही ऑनलाइन सामान बेचने की अनुमति दे दें। दुकानदार भी अपने ऑनलाइन वेबसाइट शुरू कर ले और अपना माल बेचे। उसके साथ जो भी लाॅक डाउन की जो शर्ते हैं उसकी पालना भी करें।
जुगल राठी, अध्यक्ष, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल