ग्रामीण ओलंपिक से पारम्परिक खेलों को मिलेगा पुनर्जीवन- शिक्षा मंत्री
खेल महाकुंभ ‘ग्रामीण ओलम्पिक खेल’ शुरू
अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में नाम रोशन करें प्रदेश के खिलाड़ीः कृषि मंत्री
बीकानेर, 29 अगस्त। ग्रामीणों के खेल महाकुंभ ‘राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल’ सोमवार को शुरू हुआ। जिले के पंजीकृत 1 लाख 14 हजार से अधिक खिलाड़ियों के साथ लाखों लोग गांव-गांव में हुए इन आयोजनों के साक्षी बने। जिला स्तरीय समारोह बरसिंहसर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित हुआ। जहां कृषि एवं पशुपालन मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री लाल चंद कटारिया और शिक्षा मंत्री डाॅ. बी. डी. कल्ला ने ध्वजारोहण और रंग-बिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़कर खेलों की विधिवत शुरूआत की।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डाॅ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पारम्परिक खेलों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है। राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दो वर्षों में लोगों का जीवन रूक सा गया। खेलकूद प्रतियोगिताएं पूर्ण रूप से ठप्प हो गई। ऐसे में राजीव गांधी ग्रामीण खेलों की बदौलत प्रदेश भर में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण बनेगा और गांव-गांव की खेल प्रतिभाएं आगे आएंगी।
शिक्षा मंत्री डाॅ. कल्ला ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतिभा का विकास हो, इसके मद्देनजर प्रत्येक शनिवार को ‘नो बैग डे’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि बीकानेर के अनेक खिलाड़ियों ने देश और दुनिया में सफलता का परचम फहराया है। यहां के युवा खिलाड़ियों में भी बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से खेल भावना के साथ खेलने का आह्वान किया।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि राजस्थान के खिलाड़ी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल करें। इन खिलाड़ियों को खेलों से जुड़ी सभी आधारभूत सुविधाएं मिलें, इसके मद्देनजर सरकार पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों से गांव-गांव में खेलों का माहौल बदल सकेगा। प्रदेश के 30 लाख से अधिक खिलाड़ी और 2 लाख से अधिक टीमें इसमें खेल रही हैं।
कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष का बजट युवाओं को समर्पित होगा। इस बजट का सबसे बड़ा लाभ खिलाड़ियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत कोटा निर्धारित किया है। सरकार द्वारा खिलाड़ियों को आउट आफ टर्म नौकरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि होनहार युवा पीढ़ी इन अवसरों का लाभ उठाएं। उन्होंने क्षेत्र में विकास में पूर्व प्रधान स्व. भोमराज आर्य के योगदान को याद किया।
राजस्थान भू-दान बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मण कड़वासरा ने कहा कि इन खेलों से निकले खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए अलग से बजट पेश किया, किसानों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
डाॅ. भीमराव अम्बेडकर फाउण्डेशन के महानिदेशक मदन गोपाल मेघवाल ने कहा कि गांवों में खेलों की अपार संभावनाएं हैं। इन खेल प्रतियोगिताओं से गांव-गांव में खेलों की आधारभूत सुविधाओं का विस्तार होगा, जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशा जा सकेगा।
केश कला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत ने कहा कि लुप्त हो रहे पारम्परिक खेलों को बचाने में इन ग्रामीण ओलम्पिक खेलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगी। उन्होंने कहा कि पहली बार हर उम्र के लोग इन प्रतियोगिताओं में एक साथ खेल रहे हैं। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने स्वागत उद्बोधन दिया और प्रतियोगिता के प्रारूप के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कृषि मंत्री कटारिया ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों की शुरूआत की घोषणा की। स्कूली विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। बरसिंहसर से खेल रही 47 टीमों के 482 विद्यार्थियों ने मार्च पास्ट निकाली। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
ओलम्पिक खेलों की शुरूआत कबड्डी के मुकाबले के साथ हुई। शिक्षा मंत्री डाॅ. कल्ला और कृषि मंत्री कटारिया ने टाॅस करवाकर इसकी शुरूआत की।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त डाॅ. नीरज के. पवन, जिला कलक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल, बीकानेर पंचायत समिति प्रधान लालचंद सोनी, उरमूल डेयरी के चेयरमेन नोपाराम जाखड़, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, डाॅ. राजेन्द्र मूंड, बिशनाराम सियाग, शिवलाल गोदारा, राम निवास गोदारा, ओमप्रकाश सैन, रुघाराम, शिवओम प्रकाश गोदारा आदि बतौर अतिथि मौजूद रहे।