मौसम केन्द्र का बीकानेर में मध्यम से भारी बारिश का पूर्वानुमान
बीकानेर । बीकानेर के बीछवाल स्थित मौसम केंद्र के अनुसार आने वाले दिनों में दिन व रात के तापमान में कमी होने, अधिक आपेक्षिक आर्द्रता के साथ तेज गति की हवाएँ चलने और बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम केन्द्र के अनुसार बीकानेर में 16 से 20 अगस्त तक कुल 41 एम एम बारिश होने की संभावना है। बीकानेर में कल बुधवार को तेज गति से हवाएँ चलने की संभावना हैं। शहर में आज 21 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी हवाएँ चली। वहीं आज अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। कल अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट होने की संभावना है।
किसानों के लिए सलाह
पशुओं में एल एस डी (लम्पीस्किन बीमारी) का प्रकोप बढ़ रहा है, अतः बीमारी का शीघ्र पता करने के लिए पशु बाड़े में प्रति जाते रहे और लक्षण दिखाई देते ही प्रभावी नियंत्रण के लिए पंजीकृत पशु चिकित्सक की सलाह ले एल एस डी के फैलाव को रोकने के लिए संक्रमित पशु को अलग बाड़े में रखने की व्यवस्था करें।
अधिक आर्द्रता और मध्यम तापमान फसलों में रोग एवं कीटों के प्रकोप को बढ़ा सकते है । अतः खेती की नियमित निगरानी करते रहे जिससे शुरुआत में ही पहचान होकर नियंत्रण हो सकें।
अगेती बुवाई वाली ग्वार की फसल में वर्तमान और आने वाले दिनो की मौसम की परिस्थितियों के कारण रस चुराने वाले कीड़ो जैसे हरा तेला, थ्रिप्स आदि का प्रकोप बढ़ सकता है। अगर इन कीटो का आक्रमण हो तो इनकी रोकथाम के लिए किसान भाई आसमान साफ होने पर इमिडाक्लोप्रिड का 300 एमएल प्रति हेक्टर की दर से छिडकाव करे।
मूँगफली की खड़ी फसल में दीमक की रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफोस नामक दवा को 2.5 ली/ है की दर से वर्षा होने के साथ या सिंचाई पानी के साथ मिट्टी में मिलकर खेत में भुरकें ।
मूँगफली की खड़ी फसल में जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए कार्बेण्डिज़्म नामक दवा को 2 किग्रा / है की दर से वर्षा होने के साथ या सिंचाई पानी के साथ मिट्टी में मिलकर खेत में भुरकें ।
वर्षा होने पर सिंचित बाजरा और चारे वाली फसलों में आवश्यक यूरिया का छिड़काव करे।
आने वाले दिनों में वर्षा होने की संभावना है अतः मूँगफली की फसल में सिंचाई को कुछ समय के लिए स्थगित करेतथा खड़ी फसल (मूँगफली व चारे वाली फसल) मे किसी भी प्रकार के रसायनो का छिड़काव न करे।
अधिक बरसात होने की स्थिति में बुवाई किये हुए मूँगफली एवं बाजरा के खेतो मे उचित जल निकास की व्यवस्था करे । बारिश के मौसम में संतुलित हरे चारे के लिए बाजरा व ज्वार के साथ लोबिया व ग्वार के साथ मिलाकर बुवाई करें।
बरसात के मौसम में पशु बाड़े को सूखा रखे एवं बाड़े को मक्खी रहित करने के लिए फिनाइल का छिड़काव करते रहे।