होम्योपैथी चिकित्सक डॉ गुरु प्रसाद बिस्सा के कर्मयोग को मिला सम्मान
बीकानेर । मुरलीधर व्यास कॉलोनी निवासी कर्मयोगी होम्योपैथी चिकित्सक डॉ गुरु प्रसाद बिस्सा को बीकानेर की राजस्थान पुष्टिकर यूथ विंग ने पुष्करणा दिवस समारोह 2022 में सम्मानित किया। जस्सूसर गेट के अंदर स्थित हरि हैरिटेज में 9 अगस्त को आयोजित अमृत महोत्सव अभिनंदन कार्यक्रम में डॉ बिस्सा का शानदार स्वागत-सत्कार कर सम्मान किया गया। विंग के महामंत्री सुभाष जोशी ने बताया कि डॉ बिस्सा का चयन विंग की कोर कमेटी ने उनके नि:स्वार्थ सेवा भाव से होम्योपैथी चिकित्सा कर्म के आधार पर किया। डॉ बिस्सा को सम्मानित कर संपूर्ण पुष्करणा समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
बता दें कि डॉ. गुरुप्रसाद बिस्सा का जन्म बीकानेर के सुप्रसिद्ध गांधीवादी, स्वतंत्रता सेनानी, बीकानेर चूरू जिले में सहकारी आंदोलन के जनक वरिष्ठ ज्योतिषी पं. बंशीधर बिस्सा एवं माता लक्ष्मी देवी के सुपुत्र के रूप में 22 सितम्बर 1942 को बीकानेर में हुआ। सेवा सादगी का मंत्र इन्हें विरासत में मिला। डॉ. गुरुप्रसाद बिस्सा की शिक्षा बीकानेर के मोहता मूलचंद विद्यालय में हुई। आप छात्र जीवन में एनसीसी कैडेट्स रहे और इसका इनका जीवन पर भारी प्रभाव पड़ा और आपका जीवन अनुशासनमय बना। शिक्षा अध्ययन के दौरान ही आपकी रुचि होम्योपैथी के माध्यम से सेवा कार्य की बनी। सन् 1960 में आपने स्वनामधन्य, जनप्रिय डॉ. एच.आर. भट्टाचार्य के शिष्य के रूप में उनके सान्निध्य में होम्यो चिकित्सा पद्धति का ज्ञान अर्जन शुरू किया। निरंतर कई वर्षों तक आपने गुरू भट्टाचार्य से ज्ञान प्राप्त किया। आपका विवाह सन् 1960 में बीकानेर के ख्यातिप्राप्त मुनीमजी नंदलाल आचार्य की सबसे छोटी पुत्री आशा देवी के साथ हुआ।
डॉ. गुरूप्रसाद बिस्सा ने 1970 में बीकानेर के उपनगर गंगाशहर को अपनी सर्वप्रथम कर्मस्थली के रूप में चुना एवं स्वतंत्र रूप से बिस्सा होम्यो चिकित्सालय के नाम से अपनी सेवा यात्रा शुरू की। सन् 1976 में देशनोक के श्री भीखमचंद भूरा सेवा सदन द्वारा देशनोक में होम्यो चिकित्सालय प्रारंभ हो गया तो चिकित्सक के रूप में डॉ. गुरुप्रसाद बिस्सा को चुना गया। आपने सात वर्षों तक अपनी सेवाएं दी। सन् 1983-96 (13 वर्ष) तक आपने शांति होम्यो चिकित्सालय, सुभाषपुरा बीकानेर एवं मुक्ता प्रसाद कॉलोनी में अपनी सेवाएं दी। उक्त चिकित्सालय सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक प्रेमनाथ सोनी द्वारा अपनी मां की स्मृति में संचालित किया जाता था।
करणी माता धाम देशनोक से डॉ. गुरूप्रसाद बिस्सा का पूर्वजन्म का कोई संस्कार ही कहा जायेगा जो वर्ष 1997 में जब प्रमुख समाजसेवी शांतिलाल सांड ने अपने माता पिता की पुण्य स्मृति में सूवटी देवी चंपालाल सांड धर्मार्थ होम्यो औषधालय के प्रारंभ करने सोची तो देशनोक एवं उसके आसपास के क्षेत्र में लोकप्रिय हो चुके थे। मृदुभाषी डॉ. गुरुप्रसाद बिस्सा को चिकित्सक के रूप में चुना। डॉ. गुरुप्रसाद बिस्सा ने होम्योपैथी को ही अपनी आजीविका एवं सेवा का माध्यम चुना अपने संकल्प की संपूर्ति हेतु एक कर्मयोगी की तरह निरंतर कार्यरत है। आप होम्योपैथी की पुस्तकों का निर्देश स्वाध्याय करते रहते हैं।
डॉ गुरुप्रसाद बिस्सा ने होम्योपैथी के माध्यम से सेवा के अतिरिक्त एक चिकित्सक एवं नागरिक के रूप में राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य के प्रति भी सदैव सजग रहे हैं और समय समय पर रोगियों एवं जन कल्याण के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी बढ़चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते हैं। तो दूसरी तरफ आंखों के ऑपरेशन के कैंप आयोजित भी करवाते हैं। डॉ गुरुप्रसाद बिस्सा सादा जीवन उच्च विचार की जीती जागती मिसाल के रूप में हमारे सामने हैं ही साथ ही होम्योपैथी के प्रति अपनी इकहरी निष्ठा रखते हैं। लगभग चार दशक से निरंतर होम्यो चिकित्सक के रत्न के रूप में हम सबके लिए आदर्श स्वरूप है। ऐसे व्यक्तित्व के धनी डॉ. गुरुप्रसाद बिस्सा के सम्मान पर बीकानेर होम्योपैथिक एसोसिएशन भी स्वयं को सम्मानित महसूस कर रही है।