कलक्टर ने लगातार दूसरे दिन किया गौशालाओं का निरीक्षण
लम्पी स्किन रोग के मद्देनजर नोखा क्षेत्र में व्यवस्थाओं का लिया जायजा
मृत पशुओं को खुले में नहीं छोड़े
बीमार पशुओं को आइसोलेट करें
जागरुकता की सघन गतिविधियां संचालन के दिए निर्देश
बीकानेर, 6 अगस्त। लम्पी स्किन रोग के मद्देनजर जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन जिले की गौशालाओ का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर रासीसर की बांके बिहारी गौशाला और नोखा गांव की गंगा गौशाला पहुंचे तथा दोनों गौशालाओं में लम्पी स्किन से रोगग्रस्त गायों की स्थिति एवं इनके लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर देखे। इस स्थान को साफ-सुथरा बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने दवाइयों की उपलब्धता तथा रिकवरी की स्थिति जानी। जिला कलक्टर ने कहा कि बचाव ही इस रोग का उपचार है। इसके मद्देनजर पूर्ण सावधानी रखी जाए। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को सतत रूप से फील्ड में भेजा जा रहा है। राजीविका की पशु सखियों और कृषि विभाग के सुपरवाइजर तथा सहायक कृषि अधिकारी गांव गांव रोग और उपचार की जानकारी दे रहे हैं। इस दौरान पशुपालन विभाग के डॉ. मनीष दिनोदिया और डॉ. जरनैल सिंह साथ रहे।
ब्लॉक स्तर पर हुई बैठकें
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार शनिवार को सभी ब्लॉक स्तर पर बैठकें आयोजित हुई। इनमें अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि और पशुपालक मौजूद रहे। इस दौरान लम्पी स्किन रोग से बचाव के मद्देनजर रखे जाने वाले एहतियातों की जानकारी दी गई। जिला कलक्टर ने अगले तीन दिनों में सभी गोवंश का सर्वेक्षण पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके लिए तत्काल टीमें गठित करते हुए कार्यवाही के लिए कहा गया। उन्होंने लम्पी स्किन से मृत पशुओं के विभागीय गाइडलाइन के अनुरूप निस्तारण के लिए कमेटियां गठित करने के निर्देश दिए। इनमें स्थानीय सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी सम्मिलित होंगे। साथ ही मृत पशुओं को खुले में फैंकने से रोकने की शत-प्रतिशत अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा।
प्रचार-प्रसार की चलेंगी सघन गतिविधियां
जिला कलक्टर ने कहा कि सभी ब्लॉक क्षेत्रों में उपखण्ड अधिकारी के निर्देशन में किसान गोष्ठियां और पम्पलेट वितरण जैसी गतिविधियां चलाई जाएं। रोगग्रस्त पशुओं के आइसोलेशन की प्रभावी व्यवस्था हो। प्रत्येक उपखण्ड क्षेत्र में मानव संसाधन एवं दवाइयों की आपूर्ति निरंतर हो। इसके लिए जिला स्तर से बेहतर समन्वय रखा जाए। उन्होंने प्रत्येक उपखण्ड क्षेत्र में नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए इसका प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रतिदिन देनी होगी सूचनाएं
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारियों को लम्पी स्किन रोग से संबंधित सूचनाओं की दैनिक जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। इसके लिए दो प्रफॉर्मा बनाए गए हैं। पहले में उपखण्ड का नाम, राजस्व गांवों की संख्या, लम्पी स्किन से संबंधी सर्वे पूर्ण होने वाले गांवों की संख्या, प्रभावित राजस्व गांव तथा उपचार प्रारम्भ गांवों की संख्या की जानकारी देनी होगी। वही दूसरे प्रारूप में क्रियाशील व अक्रियाशील पशु चिकित्सालयों की संख्या तथा इनमें दवाओं की उपलब्धता की सूचना देनी होगी।