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भामाशाह श्रीकिशन मूंधड़ा पहुंचे अन्धविद्यालय बच्चों का हुनर देखकर हुए भाव विभोर

बीकानेर । जहां एक ओर ईश्वर किसी मनुष्य से उसके किसी अंग को छीन लेता है तो वहीं दूसरी ओर ऐसे व्यक्ति को ऐसी अद्भुत शक्तियाँ प्रदान करता है कि आगे जाकर वो अपने परिवार और अपने समाज का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों पर लिख देता है | यह शब्द श्रीमती सी एम मूंधड़ा मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट मुंबई के ट्रस्टी श्रीकिशन मूंधड़ा ने राजकीय नेत्रहीन छात्रावासित उच्च माध्यमिक विद्यालय में नेत्रहीन बच्चों से मुलाक़ात करने के दौरान कहे | श्रीकिशन मूंधड़ा ने इसी विद्यालय के एक नेत्रहीन बच्चे को दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक लाने पर नकद इनाम देकर सम्मान किया और साथ ही सभी बच्चों को मिठाई खिलाकर दसवीं और बारहवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सराहना की।

बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि वर्तमान में शाला में 80 विद्यार्थी अध्ययनरत है जिसमें से 45 बच्चे इसी परिसर में बने छात्रावास में रहते हैं और वर्तमान में भामाशाहों के सहयोग से हर माह सरकारी फंड के अतिरिक्त लगने वाले दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के खर्च की पूर्ति की जाती है | शाला प्रधानाध्यापक अल्ताफ ने बताया कि वर्तमान में इस विद्यालय में छात्राओं हेतु छात्रावास की काफी कमी महसूस की जा रही है ताकि दूर दराज से पढाई के लिए आने वाली छात्राओं को अलग से यही विद्यालय परिसर में रखा जा सके |

उन्होंने यह भी बताया कि इस विद्यालय से 77 ऐसे होनहार विद्यार्थी भी निकले हैं जो आज अलग अलग स्थानों पर केंद्र व् राज्य सरकार के महकमों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और जिसमें से 6 इसी स्कूल से निकले विद्यार्थी इसी स्कूल में शिक्षक बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं | इस विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक का यही प्रयास रहता है कि इन नेत्रहीन बालक बालिकाओं को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष दसवीं एवं बारहवीं के 100 प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं | इस मौके पर बीकानेर जिला उद्योग संघ सचिव वीरेंद्र किराडू, अभिमन्यु जाजडा, नवाब अली एवं शाला के शिक्षक उपस्थित हुए |

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