केन्द्र सरकार द्वारा जारी जीएसटी प्रावधानों के कारण कष्ट में हैं इंडस्ट्रीज
बीकानेर । भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय चेयरमैन एवं राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बीकानेर अनाज कमेटी द्वारा आयोजित मीटिंग में उपस्थित होकर व्यापारियों की समस्याओं को सुना। साथ ही मीटिंग में संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रिद्धकरण सेठिया, महामंत्री राजेन्द्र खण्डेलवाल एवं कैलाश खण्डेलवाल भी उपस्थित रहें। राज्य सरकार से संबंधित समस्याओं की बात करें तो सदस्यों ने कहा कि बीकानेर मण्डी के व्यापार संघ को भूखण्ड शीघ्र आवंटित किया जाना चाहिए। व्यापारियों ने मांग की कि 2010 से पूर्व के संयुक्त लाईसेंसधारी व्यापारियों को दुकानों का डी. एल. सी. की निर्धारित दर पर आवंटन किया जाना चाहिए। व्यापारियों ने मण्डी में स्थित किराये के गोदामों को रेगुलर करने का मुद्दा भी उठाया।
केन्द्र सरकार की समस्याओं के संबंध में सुझाव देते हुए अनाज कमेटी के अध्यक्ष जयकिशन तथा मण्डी के प्रमुख व्यापारी मोहन सुराणा तथा माणक सोनावाला ने सुझाव दिया कि जीएसटी में बहुत विसंगतियां आ गयी है इन्हें दूर किया जाना चाहिए । अभी कुछ दिनों पूर्व जीएसटी काउंसिल द्वारा आटा, दाल, चावल, गुड पर टैक्स लगाया था। भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल की मांग पर मण्डियों, दाल मीलों, चावल मीलों तथा गुड मीलों को जीएसटी की शून्य श्रेणी में ला दिया है परन्तु अभी भी एक से 25 किग्रा तक की आटा दाल, चावल की खुली बिक्री पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है।
इस दौरान बीकानेर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित तेल मीलों के तेल संघ द्वारा भी गुप्ता का जोरदार स्वागत किया गया और राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ को भवन हेतु आवंटित भूखण्ड के भुगतान को लेकर तेल तथा दाल उद्योगपतियों ने 11 लाख रुपए देने की घोषणा की और अपनी समस्याओं के समाधान के संबंध में कुछ सुझाव दिए ।
तेल मिल के अध्यक्ष सतीश गोयल ने बताया कि इण्डस्ट्रीज केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए जीएसटी प्रावधानों के कारण कष्ट में हैं। 28-29 जून को चण्डीगढ़ में आयोजित जीएसटी काउंसिल में तेल के लिए खरीदे जाने वाले पैकिंग मैटेरियल पर इनपुट के रिफण्ड का प्रावधान था, इसे हटाया गया है। इस प्रावधान को पुनः कायम किया जाए। मौजूदा प्रावधान के कारण तेल मीलों के लाखों-करोड़ों रुपये सरकार में ही जमा रह जाएंगे जो उद्योग की बेसिक पूजी का बहुत बड़ा हिस्सा है। इस प्रावधान को अपादस्थ किया जाए। उपस्थित सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार जब से जीएसटी लेकर आयी है रिवाईज रिटर्न का प्रावधान नहीं किया है। साथ ही मिसमैच के बहुत बड़ी संख्या में मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन्हें एमनेस्टी स्कीम लाकर समस्या का समाधान किया जाना चाहिए ।