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बीकानेर में इस इस दिन होगी बारिश

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बीकानेर । मौसम विभाग के बीछवाल केंद्र के अनुसार बीकानेर में आने वाले दिनों में दिन व रात के तापमान मे कमी होने, मध्यम आपेक्षिक आर्द्रता के साथ तेज गति की हवाएँ चलने और घने बादल छाए रहने के साथ अच्छी वर्षा होने की संभावना है। केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर में आज 10 एम एम बारिश हो सकती हैं। वहीं शनिवार को घने बादल छाए रहेंगे और 30 एम एम बारिश हो सकती है। फिर आगे रविवार को 9, सोमवार को 10 व मंगलवार को 12 एम एम बारिश होने की संभावना है। बीकानेर में आज का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं हवा की रफ्तार 9 कि.मी प्रति घंटे रही। किसानों के लिए सलाह 👇

भविष्य के लिए वर्षा की प्रत्येक बूंद को बचाने का प्रयास करे। साथ ही यदि बारिश ज्यादा होती है तो फसल क्षेत्र से उचित जल निकास की व्यस्था भी करें।। खरीफ फसलों (बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ) की बुवाई के लिए अनुकूलतम समय चल रहा है।

किसान भाई बाजरा, मूंग, मोठ व ग्वार की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चयन करे। कृषि जलवायु खंड 1 सी के लिए बाजरा की उन्नत किस्मे राज 171, एच.एच.बी 60, आर. एच. बी. 121, एच. एच. बी. 67 (imp), आर. एच. बी. 90, आई.सी.एम.एच. 356, मूंग की उन्नत किस्मे एस. एम. एल. 668, एम.यू. एम. 2 आर. एम. जी. 62, आर.एम.जो. 268, के 851, मोठ की उन्नत किस्मे आर. एम. ओ. 257 225 435, 423 व 40 तथा न्वार की उन्नत किस्मे आर. जी. सी. 936, 197, 986, 1002 1003 व 1066 आदि प्रमुख है।

बुवाई के समय बीज उपचार के बाद ही बुवाई करें। इसके लिए बाजरा व मोठ के बीज को बीजजनित रोगों की रोकथाम के लिए 3 ग्राम थायराम व दीमक से बचाव के लिए 4 मिली लीटर क्लोरोपायरीफॉस प्रति किलो बोज तथा ग्वार को 250 पी.पी.एस. एगोमाइसिन (1 ग्राम प्रति 4 लीटर पानी के घोल मे 2 घंटे डुबोकर रखने के बाद ही बुवाई करे। ग्वार, मूंग, मोठ के बीजों को कवकनाशी एवं कीटनाशी से उपचार के बाद उपयुक्त जीवाणु खाद से उपचारित कर कुछ देर छाया में सुखाकर ही बुवाई करें।

किसान भाई बाजरा की बुवाई के लिए 4 किलो, मूंग व ग्वार के लिए 16 किलो तथा मोठ के लिए 12 से 16 किलो बीज प्रति हैक्टर की दर से काम में लेवें।

खरपतवार एवं कीट व्याधियों के प्रकोप के लिए नियमित रूप से खेत का भ्रमण करते रहे।

मूँगफली की खड़ी फसल में जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए कार्बेण्डिज्म नामक दवा को 2 किग्रा / है को दर से वर्षा होने के साथ या सिंचाई पानी के साथ मिट्टी में मिलकर खेत में छिड़कें।

वर्षा होने पर चारे वाली फसलो में यूरिया का छिड़काव करे।

आने वाले दिनों में वर्षा होने की संभावना है अतः मूँगफली की फसल में सिंचाई को कुछ समय के लिए स्थगित करे तथा खड़ी फसल (मूँगफली व चारे वाली फसल) में किसी भी प्रकार के रसायनो का छिड़काव न करे ।

अधिक बरसात होने की स्थिति में बुवाई किये हुए मूँगफली एवं बाजरा के खेतो में उचित जल निकास की व्यवस्था करे । बारिश के मौसम में संतुलित हरे चारे के लिए बाजरा व ज्वार के साथ लोबिया व ग्वार के साथ मिलाकर बुवाई करें।

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