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पीएमएवाई-ग्रामीण आवास पूर्णता में बीकानेर प्रदेश में पहले स्थान पर

*47.92 फीसदी से अधिक आवास पूर्ण*

बीकानेर, 13 जुलाई। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास निर्माण में बीकानेर जिला 47.92 फीसदी लक्ष्य पूरे कर प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर है।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्ष 2021-22 के दौरान निर्धारित लक्ष्य 16 हजार 379 के विरुद्ध जिले में अब तक 7 हजार 848 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। आवास पूर्णता में राज्य का प्रतिशत 13.69 है, जबकि बीकानेर में 47.92 प्रतिशत आवास पूर्ण कर जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है।

जिला कलक्टर ने बताया कि आवास गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित माॅनिटरिंग सिस्टम विकसित किया गया है। मौका निरीक्षण के साथ ही लाभार्थियों से सम्पर्क और संवाद किया जा रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा गया है।
जिला कलक्टर ने बताया कि पीएमएवाई-ग्रामीण के तहत मंगलवार तक 16 हजार 234 स्वीकृतियां जारी कर जियो टैगिंग कर दी गई है। अब तक 16 हजार 113 लाभार्थियों को प्रथम तथा 11 हजार 922 को द्वितीय किश्त जारी की जा चुकी है। इसी प्रकार 8 हजार 43 लाभार्थियों को तीसरी किस्त भी आॅनलाइन ट्रांसफर कर दी गई है। यह भी प्रदेश भर में सबसे अधिक है।

*बीकानेर ब्लॉक सबसे आगे*
जिला कलक्टर ने बताया कि 59.15 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ कोलायत ब्लाक प्रधानमंत्री आवास योजना के कियान्वयन में सबसे आगे है। जहां अब तक 1 हजार 343 स्वीकृतियों के विरूद्ध 795 आवास पूर्ण कर दिए गए हैं। वहीं 58.58 प्रतिशत के साथ बीकानेर, 56.38 प्रतिशत के साथ खाजूवाला तथा 56.30 प्रतिशत के साथ पूगल क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर है। जिले के प्रत्येक ब्लाॅक द्वारा राज्य के औसत से अधिक आवास पूर्ण किए गए हैं।

*पीएमएवी-ग्रामीण पखवाड़े का मिला लाभ*
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने बताया कि जिला कलक्टर की पहल पर 7 से 21 फरवरी तक ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पखवाड़ा’ आयोजित किया गया। इस दौरान आवासों की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त के समयबद्ध भुगतान करवाने तथा प्रत्येक 20 आवासों पर एक प्रभारी नियुक्त करते हुए इन्हें समय पर प्रारम्भ करवाने के लिए निर्देशित किया गया था। साथ ही योजना क्रियान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं के समाधान तथा लाभार्थियों से समन्वय हिसाब से भी यह पखवाड़ा फायदेमंद साबित हुआ।

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