बीकानेर में मौसम विभाग ने बारिश को लेकर की यह भविष्यवाणी
उमस ने किया बेहाल
बीकानेर । बीकानेर में मंगलवार को दिन भर बारिश का इंतजार करते जनमानस को उमस ने बेहाल कर दिया। गर्मी इतनी कि न घर में चैन और न ही बाहर राहत। एमडीवी कॉलोनी स्थित मौसम विभाग के अनुसार बीकानेर में आज अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 28.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं बीछवाल केंद्र के अनुसार बीकानेर में आज अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया तथा न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं हवा की गति बेहद धीमी 7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार दर्ज की गई। बीछवाल स्थित मौसम केंद्र के अनुसार बीकानेर में आने वाले दिनों में दिन व रात के तापमान में बढ़ोतरी होने, मध्यम आपेक्षिक आर्द्रता के साथ तेज गति की हवाएँ चलने और घने बादल छाए रहने के साथ अच्छी वर्षा होने की संभावना है। किसानों के लिए सलाह 👇
आने वाले दिनों में मौसम की भविष्यवाणी के आधार पर किसानों को सलाह जाती है कि खरीफ फसलों ( बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ ) कि बुवाई के लिए उन्नत बीज बीज उपचार के लिए रसायन एवं उर्वरकों की व्यवस्था रखे जिससे बारिश होते ही बिना देरी किए बुवाई की जा सके।
किसान भाई बाजरा, मूंग, मोठ व ग्वार की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चयन करे। कृषि जलवायु खंड 1 सी के लिए बाजरा की उन्नत किस्मे राज 171, एच. एच. बी 60, आर.एच.बी. 121, एच. एच. बी. 67 (imp), आर. एच. बी. 90, आई. सी. एम. एच. 356, मूंग की उन्नत किस्मे एस. एम. एल. 668, एम.यू.एम. 2, आर. एम. जी. 62, आर. एम. जी. 268, के. 851, नोठ की उन्नत किस्मे आर. एम. ओ. 257, 225, 435, 423 व 40 तथा ग्वार की उन्नत किस्मे आर. जी.सी. 936, 197, 986, 1002, 1003 व 1066 आदि प्रमुख है
बुवाई के समय बीज उपचार के बाद ही बुवाई करे। इसके लिए बाजरा व मोठ के बीज को बीजजनित रोगों की रोकथाम के लिए 3 ग्राम थायराम व दीमक से बचाव के लिए 4 मिली लीटर क्लोरोपायरीफॉस प्रति किलो बीज तथा ग्वार को 250 पी.पी.एम. एग्रोमाइसिन (1 ग्राम प्रति 4 लीटर पानी) के घोल मे 2 घंटे डुबोकर रखने के बाद ही बुवाई करे। ग्वार, मूंग, गोठ के बीजो को कवकनाशी एवं कीटनाशी से उपचार के बाद उपयुक्त जीवाणु खाद से उपचारित कर कुछ देर छाया में सुखाकर ही बुवाई करे।
किसान भाई बाजरा की बुवाई के लिए 4 किलो, मूंग व ग्वार के लिए 16 किलो तथा मोठ के लिए 12 से 16 किलो बीज प्रति हैक्टर की दर से काम मे लेवें ।
वर्षा होने पर चारे वाली फसलों में यूरिया का छिड़कात करे।
आने वाले दिनों में वर्षा होने की संभावना है अतः मूँगफली की फसल में सिंचाई को कुछ समय के लिए स्थगित करे तथा खड़ी फसल ( मूँगफली व चारे वाली फसल) में किसी भी प्रकार के रसायनों का छिड़काव न करे ।
अधिक बरसात होने की स्थिति में बुवाई करते हुए मूंगफली, बाजरा के खेतों में उचित जल निकास की व्यवस्था करे बारिश के मौसम में संतुलित हरे चारे के लिए बाजरा व ज्वार के साथ लोबिया व ग्वार के साथ मिलाकर बुवाई करें।