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ऋषि मुनियों के अनंतकाल तक किए शोध का परिणाम है ज्योतिष

बीकानेर। ज्योतिष ज्ञान में सभी को विश्वास रखना चाहिए। ऋषि मुनियों की ओर से अनंतकाल तक किए विभिन्न ग्रहों के शोध का परिणाम ही ज्योतिष है। ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं पर बीकानेर में रविवार को मंथन किया गया। मौका था महागणपति साधना पीठ के तत्वावधान में रत्ताणी व्यासों की बगेची में सम्पन्न हुए एक दिवसीय ज्योतिषीय शिविर मंगल ग्रह दोष निवारण सम्मेलन का। जिसमें ज्योतिषाचार्यों ने ज्योतिष के अनेक पक्षों पर गहराई से मंथन किया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में कर्म के साथ साथ ग्रहों का सहयोग रहता है। मुख्य वक्ता ज्योतिषाचार्य दिल्ली के दिव्य एस्ट्रो पांईट के डॉ अरविन्द ने कहा कि ग्रहों के शुभ, अशुभ प्रभाव के कारण ही व्यक्ति अपने जीवन में सफलता और असफलता प्राप्त करता है। डॉ अरविंद ने लाल किताब से नेक ओर बद मंगल विवेचना बताई।

बीकानेर के विद्वान डॉ गोपाल नारायण ने छ: प्रकार के परिहार बताए और मन्त्र का स्वभाव की जानकारी दी। तो पं. बलदेव ने शुभ ग्रहों से भी मंगल दोष का असर पर चर्चा की। पं. अशोक ओझा (चौथाणी) ने मांगलिक विषय पर श्लोक रूप में वर्णन किया। पं सुशील व्यास, पं. राजेन्द्र किराडू, आदि कुंडली, पंचतत्व, पितृदोष, मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन आदि पर अपने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन नितेश व्यास द्वारा किया गया।

आयोजन से जुड़े पं. महेंद्र व्यास ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी तरह का आयोजन किया जाएगा। ज्योतिषविद श्याम सुंदर बोड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया। एस्ट्रो दिनेश शास्त्री व पं. जितेंद्र ओझा ने वेद मंत्रों का उच्चारण कर अभिवंदन किया एवं मीडिया प्रभारी उदय कुमार व्यास ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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