जनसुनवाई की सार्थकता: व्यवस्था की पोल खोलती शर्मा की यह पोस्ट, जरुर पढ़ें
✍️आर के शर्मा,✍️
बीकानेर जिले में जिला कलक्टर द्वारा हर माह जन सुनवाई की जाती है और दावा किया जाता है कि जनसुनवाई के प्रकरणों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, लेकिन हकीकत में यह सब नहीं होता और अनुभव कहता है कि केवल व केवल औपचारिकता निभाई जा रही है । रानी बाजार मोहल्ला विकास समिति वार्ड नंबर 50 और 65 की ओर से समय-समय पर जनसुनवाई में बहुजन हिताय समस्याओं के बारे में जिला प्रशासन से गुहार लगाई जाती है । डाक बंगले के पीछे बनी सड़क पर बारिश के मौसम में हमेशा भारी मात्रा में पानी भर जाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व आमजन को परेशानी ना हो इसलिए इसके निदान हेतु समिति पिछले 3 वर्षों से जनसुनवाई में शिकायत दर्ज करवाई जा रही है, लेकिन संपर्क पोर्टल से बार-बार यह संदेश आता है कि समस्या का निदान कर दिया गया है जबकि समस्या का निदान नहीं हुआ होता व असंतुष्टी दर्ज करवाई जाती है असंतुष्टी दर्ज करके पोर्टल पर इतिश्री हो जाती है । बीती 4 फरवरी को जनसुनवाई में इसी विषय पर शिकायत दर्ज की गई। जिला कलक्टर ने तुरंत निर्देश दिए के पानी की निकासी के लिए जो नाला बंद किया गया है उस पर मोखे बनाए जाए जिससे पानी नाले में चला जाए, लेकिन 4 महीने बाद भी समस्या जस की तस है। गुरुवार की जनसुनवाई में भी इसी विषय को पुनः दोहराया है क्योंकि 4 दिन पहले की बारिश का पानी भी अभी तक कुछ कुछ जगह पर एकत्रित है । इस समस्या के निदान के लिए किसी भी प्रकार के बजट की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सड़क बनाने वाले ठेकेदार का यह दायित्व था कि पानी की निकासी के 250 मीटर की सड़क पर मोखे निकालकर पानी निकासी की व्यवस्था सुचारू करें, लेकिन शायद न्यास प्रशासन ठेकेदार से ही काम भी करवाने में असहाय महसूस करता है । इसी प्रकार सफाई में अव्वल रहे वार्ड नंबर 37 जो अब वार्ड नंबर 65 व 50 का हिस्सा है में कचरा पात्र व सकड़ी गली में हाथ रिक्शा वाली गाड़ी के लिए भी 4 माह पूर्व निवेदन किया गया था। गुरुवार को पुनः इस परिवाद को रखा गया तो उपस्थित निगम अधिकारी द्वारा झूठी सूचना दी गई कि हाथ रिक्शा जा रहा है। इस तरीके से भ्रामक सूचना देकर भी जिला प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है । इसके लिए किसी भी प्रकार के बजट की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जनसुनवाई में जिला कलक्टर के निर्देश के बाद भी समस्याओं का निपटारा नहीं किया जाता । समिति द्वारा डाक बंगले के पीछे वाली रोड पर और सूरज टॉकीज सड़क के किनारे खुले शराब के ठेके का भी पुरजोर विरोध किया है। यह शराब का ठेका ऐसे स्थान पर खोला गया है जहां 100 मीटर की दूरी में स्कूल व चार से पांच धार्मिक स्थल और मोहल्ले के रहवासी निवास करते हैं। जिला प्रशासन इस पर भी कब संज्ञान लेगा पता नहीं । ::उक्त पोस्ट लेखक(अध्यक्ष, शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु ट्रस्ट) के निजी अनुभव है ::