बेटियों ने अन्नपूर्णा प्रसादालय बनाकर चुकाया पितृ ऋण
नोखा: अपना घर आश्रम नोखा में आज सोमवार को “अन्नपूर्णा प्रसादालय” का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण पूज्य राधा कृष्ण महाराज और अपना घर आश्रम की संस्थापिका डॉ माधुरी भारद्वाज के कर कमलों से हुआ। इस अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया जिसमें पूज्य महाराज ने कहा कि जिस भांति बेटों का पितृ ऋण होता है उसी भांति बेटियों का भी पितृ ऋण होता है और नोखा की बेटियों ने अन्नपूर्णा प्रसादालय का निर्माण करवा कर अपने उस पितृ ऋण को चुकाने का कार्य किया है। नोखा की बेटियों का यह कार्य न सिर्फ राजस्थान अपितु संपूर्ण भारतवर्ष में एक मिसाल बनेगा। साथ ही अन्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा कि यदि बेटियां संकल्प ले ले तो मानवता के कितने ही बड़े कार्य पूरे किए जा सकते हैं।
इस अवसर पर अपना घर की संस्थापिका डॉ माधुरी भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपना घर आश्रम पीड़ित मानवता को समर्पित सेवा के बड़े प्रकल्प हैं और नोखा में अपना घर का निर्माण और उसका संचालन इस क्षेत्र के लिए पीड़ित मानवता हेतु एक बड़ा संबल बनेगा। उन्होंने नोखा की उन सभी बेटियों का धन्यवाद किया जिन्होंने मिलकर अपना घर आश्रम नोखा में अन्नपूर्णा प्रसादालय का निर्माण करवाया है।
समारोह में अपना घर आश्रम नोखा की पूर्व अध्यक्ष किरण झंवर ने अपना घर के प्रारंभ से लेकर अब तक का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया और लोगों से आह्वान किया कि वे आए और इस प्रकल्प में जुड़कर कार्य करें। आगंतुक सभी लोगों का वित्त सचिव गजेंद्र पारेख व उपाध्यक्ष मुरली गोदारा ने धन्यवाद किया।
कार्यक्रम का संचालन सीकर से आए कवि व लेखक विष्णु पारीक ने किया।
आज नानी बाई के मायरे के तीसरे और अंतिम दिन व्यासपीठ से पूज्य महाराज राधा कृष्ण ने भगवान कृष्ण द्वारा भरे गए मायरे का बड़ा मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया और कहा कि यदि भक्तों की भक्ति निश्चल और निर्मल हो तो भगवान स्वयं चलकर उसके मायरा भरने आते हैं और लोगों को संदेश देते हैं कि भगवान भक्तों के वश में है। यदि संकल्प श्रेष्ठ हो तो उन्हें अवश्य पाया जा सकता है।
कथा के समापन के साथ ही तीन दिवसीय इस आयोजन का भी समापन हुआ जिसमें दूरदराज से हजारों की संख्या में कथा श्रवण करने और अपना घर आश्रम नोखा को देखने लोगों का विशाल हुजूम उमड़ा।