देश का एक ऐसा शहर जहां नगर प्रवेश द्वार की जाती है पूजा
बीकानेर । ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि यदि आप ईश्वर को अपने घर पर आने का न्यौता दे रहे हैं तो आपको उन्हें प्रसन्न करने के लिए घर के द्वार को उनकी पसंद अनुसार सजाना व पूजन करना चाहिए। ताकि आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। माना जाता है कि ऐसा करने से उस स्थान पर मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। देश में एक ऐसा शहर जहां नगर प्रवेश द्वार की पूजा की जाती है ताकि नगर में सुख समृद्धि का प्रवेश हो। यह शहर है बीकानेर। यहां की महिलाएं इस मामले में बेहद संजीदा है। जी हां, छोटी काशी के नाम से मशहूर धर्म नगरी बीकानेर में महिलाए धर्म करने का कोई भी अवसर हाथ से जाने नहीं देती है। आज अल सुबह सुबह ही सोमवती अमावस्या के दिन महिलाएं नगर द्वार कोटगेट की पूजा अर्चना कर देश एवं नगर व जीवन में सुख शांति और समृद्धि की मंगल कामना करती नजर आईं। वहीं मंदिरो व पार्कों में भी पीपल के पेड़ का पूजनकर 108 फैरी निकाल कर धर्म की जड़ को संचित करती हुई नजर आईं।
सोमवार सुबह से बीकानेर से पचास किलोमीटर दूर स्थित कपिल मुनि के पावन धाम में भी भारी संख्या में धर्म प्रेमी पुरुष और महिलाएं ने स्नान किया और दान पुण्य किया। बीकानेर के लक्ष्मी नाथ जी मंदिर में भी आज हजारों की संख्या में लोगों ने दर्शन किए और दान पुण्य किया । इस अवसर पर लोगों ने गौ शालाओं में गाय माता का पूजन किया और उन्हें गुड़ खिलाया। इसी लिए विश्व में बीकानेर की पहचान धर्म नगरी और छोटी काशी के रूप में है।