बीकानेर में ड्राई पोर्ट की स्थापना व सिरेमिक सेंटर के अपग्रेडेशन को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने इन्हें लिखा पत्र
बीकानेर । शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बीकानेर में ड्राईपोर्ट (आईसीडी) की स्थापना और सिरेमिक सेंटर के अपग्रेडेशन के प्रस्तावों को भारत सरकार की स्पेशल असिस्टेंट स्कीम में सम्मिलित करने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत को पत्र लिखा है। डॉ. कल्ला ने बताया कि बीकानेर संभाग में बड़ी मात्रा में विश्वव्यापी निर्यात और यहां स्थापित एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के मद्देनजर ड्राईपोर्ट की स्थापना जरूरी है।
यहां की जरूरतों को देखते हुए राजस्थान स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन प्रमोशन कमेटी की 2 जून 2008 को हुई बैठक में इसके लिए स्वीकृति जारी कर दी गई थी। इसके अनुसार ग्राम सरह नथानिया में 75 हेक्टेयर भूमि आईसीडी की स्थापना के लिए राजसीको को 99 साल के पट्टे पर आवंटित की गई थी, लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। इस कारण यहां आईसीडी का निर्माण नहीं हो पाया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस भूमि को राजसीको द्वारा पुनः बहाल करने का कार्य प्रक्रियाधीन है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंट स्कीम के तहत बीकानेर में आईसीडी निर्माण का प्रस्ताव सम्मिलित करने के लिए लिखा गया है। डॉ. कल्ला ने बताया कि यहां आईसीडी निर्माण से बीकानेर संभाग और आसपास के जिलों में भी आयात-निर्यात किया जा सकेगा और रोजगार के नए मार्ग प्रशस्त होंगे। उन्होंने बताया कि बीकानेर में भुजिया, पापड़, रसगुल्ला कृषि खाद्य आधारित उत्पाद, हस्तशिल्प, फर्नीचर, सिरेमिक उत्पाद और ऊनी कारपेट आदि के लगभग 25 हजार कंटेनर्स से वस्तुओं का आयात निर्यात किया जाता है।
*अपग्रेड हो सिरेमिक सेंटर*
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने बीकानेर सिरेमिक सेंटर के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव भी स्पेशल एसिस्टेंस स्कीम में सम्मिलित करने की अभिशंषा की है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2010 में जिले में सिरेमिक सेंटर स्थापित किया गया तथा सेंटर में सिरेमिक के सभी 16 टेस्ट किए जाते हैं। वर्तमान में कार्य की गुणवत्ता, मांग और टेक्नोलॉजी के मद्देनजर इस सेंटर को अपग्रेड करने से उद्यमियों को टेक्नोलॉजी का लाभ भी मिल सकेगा।