तापमान : बीकानेर कल तपा, आज उबला और कल शनिवार को…
बीकानेर । बीकानेर इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। बीते कल अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस था और आज शुक्रवार को 47. 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। जो 50 डिग्री सेल्सियस तापमान जैसा महसूस हो रहा था। मौसम विभाग के अनुसार अभी कल और ज्यादा तपेगा। शुक्रवार को हालात यह थे कि बाजार में दो मिनट के लिए भी बाइक धूप में खड़ी रह गई तो हैंडल पकड़ने के लिए कपड़े की जरूरत पड़ी। यह ठीक वैसे ही था जैसे गैस पर उबलते दूध को उतारने के लिए टोपिये (भगोने) को कपड़े से उतार रहे हो। गर्मी के चलते छतों पर रखी टंकी से उबला पानी आ रहा है। पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। न्यूनतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है।।
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा उपरोक्त मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर बीकानेर जिले के किसान को सलाह दी जाती है कि
• आने वाले दिनों में दिन व रात के तापमान मे कमी होने, कम आपेक्षिक आर्द्रता के साथ तेज गति की हवाएँ चलने और स्वच्छ आकाश छाए रहने के साथ वर्षा नहीं होने की संभावना है।
नरमा कपास की बिजाई मई महीने के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जायेगी। खेत की तैयारी के लिए एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल (मॉल्ड वोर्ड) से करें तथा दो-तीन जुताई कल्टीवेटर से करें। खेत तैयारी के समय 30-35 क्विंटल गोबर की खाद प्रति बीघा की दर से प्रयोग करें।
अमेरिकी कपास के लिए आरएस 2013, आरएस 810, बीकानेर नरमा, मरु विकास और बीटी कपास के लिए आरसीएच 134 बीजी, आरसीएच 314, बीजी, आरसीएच 650 बीजी-II, एमआरसी 7017 बीजी ॥ उपयुक्त किस्मों का चयन करें।
बीटी कपास की बुवाई 100 सेमी (पंक्ति से पंक्ति) X 60 सेमी (पौधे से पौधे की दूरी पर करें।
देशी कपास की बुवाई का उचित समय है, प्रचलित किस्में आर. जी 8, आर. जी 18. राज. डी. एच 9 एच.डी 123 या आर.जी 542 है।
देशी कपास की बुवाई में कतार से कतार की दूरी सवा दो फुट व पौधे से पौधे की दूरी दो फुट रखें।
भारतीय कपास की बुवाई का उचित समय मई के पहले सप्ताह तक है। उन्नत किस्में RG-8, RG-18, RDH-9, HD-123 या RG-542 हैं और भारतीय कपास की बुवाई 67.5 सेमी (पंक्ति से पंक्ति) x 60 सेमी (पौधे से पौधे) है।
खजूर, किन्नों, संतरा व नीबू के बगीचे में नियमित अन्तराल पर सिंचाई करें।
गर्मियों में पशुओं को हरा चारा खिलाने के लिए बाजरा की आर बी सी 2 व जयंत बाजरा जैसी किस्में बोएं।
हरा चारा फसलों में नियमित रूप से सिंचाई करें।
खेत में चूहों के नियंत्रण हेतु जिंक फास्फाइड + आटा खाने का तेल का 2: 94 4 के अनुपात में मिश्रण का चुगा खुले बिल्लो पर रखें
आने वाले दिनों में लू चलने की संभावना है, सब्जियों व फलों की फसलों में समय पर सिंचाई करें।
आने वाले दिनों में गर्म हवा चलने की संभावना है, पशुओं को प्रचूर मात्रा में पानी पिलावे एवं उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें। पशुओं को संतुलित आहार के साथ साथ खनिज मिश्रण भी प्रतिदिन खिलाये।
दुधारू पशुओं को थनैला रोग से बचाने के उपाय करे। पशुओं को खुरपका मुहपका रोग से बचाव का टीका लगवाएँ एवं पेट में कीड़ो की दवाई नियमित देवें