शादीशुदा महिलाएं करती हैं इसी गणगौर की पूजा
बीकानेर । सुहागिन महिलाओं की ओर से धींगा गवर (गणगौर) पूजन बाली गवर के बाद किया जाता है। बाली गवर का पूजन कुंवारी कन्याएं करती है। इसके 14 दिन तक महिलाएं धीगा गवर की पूजा व अखंड सुहाग की कामना करती है। इन दिनों रोजाना विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग गवर माता को लगाया जा रहा है। सुबह गवर माता के पूजन के साथ एक महिला कहानी सुनाती है।
बीकानेर की इंद्रा देवी बोहरा बताती है कि हमारे घर से धींगा गवर माता की पूजा जिस महिला ने शुरू की उसकी हर मनोकामना पूरी हुई। बोहरा बताती है कि जिस की मनोकामना पूरी होती है वह अपने घर पर धींगा गवर माता की पूजा शुरू कर देती है और यह सिलसिला वैशाख मास की तीज व चौथ (चतुर्थी) तक चलेगा। इसके बाद धींगा गवर को विदा किया जाएगा।
बता दें कि लोक कथा के अनुसार एक बार देवी पार्वती ने एक भील महिला का स्वांग रच शिवजी को रिझाया था। शिवजी पार्वती के इस रूप पर इतना मोहित हो गए थे कि उसे घर ले जाने को तैयार हो गए। इसके बाद से सदियों में मारवाड़ की महिलाएं धींगा गवर का त्योहार मनाती आ रही है।