अब सिंगल यूज प्लास्टिक विस्तारित पोलीस्टाइरीन वस्तुओं के उपयोग पर 1 जुलाई से प्रतिबंध
बीकानेर । पर्यावरण प्रदूषण की मुख्य वजहों में से एक, सिंगल प्लास्टिक का उपयोग धरती के प्रत्येक जीवंत प्राणी के लिए हानिकारक है। सरकार द्वारा इसके प्रयोग को रोकने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बीकानेर जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा ने सिंगल यूज प्लास्टिक के विनिर्माण, आयात, भण्डारण, वितरण, विक्रय एवं – उपयोग पर प्रतिबंध के क्रम में बीते मंगलवार को जिले के एक दर्जन से अधिक औद्योगिक संगठनों को पत्र लिखा है।
इसमें गोदारा ने बताया कि भारत सरकार के 11 मार्च, 2021 के राजपत्र में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर 1 जनवरी, 2022 एवं सिंगल यूज प्लास्टिक पोलीस्टाइरीन और विस्तारित पोलीस्टाइरीन वस्तुओं पर 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंध लागू किया जा रहा है।
जिलें में कार्यरत सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के विनिर्माण, आयात, भण्डारण, वितरण, विक्रय एवं उपयोग को बंद करने एवं उसके वैकल्पिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अपने संघ के सभी सदस्यों एवं औद्योगिक इकाईयों को इसका प्रचार-प्रसार करने एवं प्रभावी कार्यवाही करवाने की बात कही है।
बता दें कि सिंगल प्लास्टिक का यूज करके आमतौर पर लोग इसे फेंक देते हैं। जिसके बाद मिट्टी वाली सतह पर यह पॉलीथिन दब जाती है। इसके अतिरिक्त जब यह पॉलीथिन नाली-नालों में फेंकी जाती है। पॉलीथिन मिट्टी तथा पानी में पहुंचते ही छोटे कणों में विघटित हो जाती है। इसके अतिरिक्त पॉलीथिन सौ से अधिक वर्षों तक पानी तथा मिट्टी में व्याप्त रहती है। धीरे धीरे करके अधिक मात्रा में पॉलीथिन के विषाक्त रसायन बाहर निकलते रहते हैं। जो कि पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
पॉलीथिन के उपयोग के कारण पर्यावरण में पैदा होने वाला प्रदूषण नियंत्रण करना बेहद मुश्किल है। यह समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चिंता का विषय है। पॉलीथिन को दोबारा प्रयोग करना मुश्किल है। पॉलीथिन के कचरे में डलने तथा जलने से जो धुआं निकलता है वह हवा में विषैली गैस के रूप में फैलता है। इस प्रकार की परिस्थितयों पर गौर करते हुए, सरकारों द्वारा सिंगल प्लास्टिक यूज पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया जाता रहा है।
इनका कहना है –
सिंगल यूज प्लास्टिक का बीकानेर में कोई उत्पादन नहीं होता। वर्तमान में यह माल दिल्ली व गुजरात से बीकानेर आता है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सरकार व उद्योग केंद्र का यह अच्छा कदम है। – डी पी पचीसिया, अध्यक्ष, बीकानेर जिला उद्योग संघ