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सीरी जयपुर केंद्र में डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकियों में डिजिटल क्रांति से परिचित हुए प्रतिभागी

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पिलानी। सीएसआईआर-सीरी के जयपुर केंद्र में 28 मार्च को डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकियों में डिजिटल क्रांति विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। डिजिटल क्रांति में ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, दूरसंचार और उन्नत एनालिटिक्स से लेकर स्‍मार्ट कार्यप्रणाली और ग्राहक-केंद्रित उत्पादों तक नवीन एवं अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाया जाता है। अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण एवं सामयिक विषय पर आयोजित कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्‍य एम एस एम ई के उद्यमियों एवं नए स्‍टार्ट अप्‍स के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को डेयरी एवं खाद्य के क्षेत्र में सीएसआईआर-सीरी, सीएसआईआर-सीएफटीआरआई, मैसूर तथा सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों एवं इन क्षेत्रों में हो रही डिजिटल क्रांति से अवगत कराना है। कार्यशाला में एमएनआईटी-जयपुर के निदेशक प्रोफेसर एन पी पाढ़ी मुख्‍य अतिथि के रूप में तथा आर ई आई एल, जयपुर के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ ए के जैन एवं एम एस एम ई, जयपुर के निदेशक वी के शर्मा विशिष्‍ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। कार्यशाला में एम एस एम ई और स्‍टार्ट अप्‍स एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों सहित विज्ञान भारती राजस्थान के पदाधिकारियों, शोधार्थी छात्रों एवं शिक्षाविदों ने प्रतिभागिता की।

कार्यशाला का उद्घाटन परंपरागत रूप से दीप प्रज्‍वलन एवं अतिथि सम्‍मान के साथ हुआ। मुख्‍य अतिथि प्रोफेसर एन पी पाढ़ी, निदेशक, एमएनआईटी-जयपुर ने अपने संबोधन में सीएसआईआर-सीरी द्वारा इस महत्‍वपूर्ण विषय पर कार्यशाला आयोजन के लिए डॉ पंचारिया की सराहना की। उन्‍होंने खाद्य और डेयरी उत्पादों में मिलावट व भंडारण को प्राथमिकता मानते हुए इस क्षेत्र में विनिर्माण उद्योगों (Manufacturing Industries) की आवश्‍यकता बताई तथा एमएसएमई और नए स्‍टार्ट अप्‍स को सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को बाजार में लाने आह्वान किया।

इससे पूर्व अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने मुख्‍य अतिथि सहित सभी आमंत्रित वक्‍ताओं और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का स्‍वागत करते हुए कार्यशाला के आयोजन की पृष्‍ठभूमि से अवगत कराया। देश में डेयरी तथा खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान की आवश्‍यकता एवं महत्‍व को रेखांकित करते हुए उन्‍होंने इस पर भारत सरकार की चिंताओं से अवगत कराया। अपने संबोधन में उन्‍होंने सीएसआईआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों एवं खाद्य उत्पादों की भी चर्चा की। उन्‍होंने इस महत्‍वपूर्ण क्षेत्र में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया।

विशिष्ट अतिथि डॉ ए के जैन ने अपने संबोधन में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति पर चर्चा करते हुए खाद्य और दूध चेन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने खाद्य व डेयरी उत्पादों में मिलावट का पता लगाने में विश्लेषणात्मक समाधान (Analytical solutions) की आवश्यकता बताई। अपने संक्षिप्त उद्बोधन में डॉ जैन ने कहा कि इसके साथ साथ आपूर्ति श्रंखला को भी सुदृढ़ किया जाना बहुत जरूरी है।

विशिष्‍ट अतिथि वी के शर्मा, निदेशक, एमएसएमई विकास संस्‍थान, जयपुर ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए नए उद्यमियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों व उपस्थित शोधार्थियों को इस क्षेत्र में हो रही डिजिटल क्रांति से भारतीय जनमानस को लाभान्वित करने के लिए कहा।

उद्घाटन सत्र के उपरांत आयोजित तकनीकी सत्र में सीएसआईआर-सीरी के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक श्री नवजोत कुमार, वरिष्‍ठ ने संस्‍थान द्वारा विकसित डेयरी प्रौद्योगिकियों पर, आईएचबीटी-पालमपुर के डॉ महेश गुप्‍ता ने खाद्य, चाय और शहद उत्‍पादों पर तथा सीएफटीआरआई-मैसूर के डॉ प्रकाश हालमी ने बेकरी एवं खाद्य उत्‍पादों पर अपने प्रस्‍तुतीकरण दिए।

कार्यशाला के दौरान अतिथियों ने सीरी जयपुर केंद्र में संस्‍थान द्वारा विकसित प्रौद्यागिकियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अतिथियों ने प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी एवं जयपुर केंद्र में स्थित विभिन्‍न शोध प्रयोगशालाओं का परिदर्शन भी किया।

इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए सीएसआईआर-सीरी के जयपुर केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ साईं कृष्‍णा वड्डादि ने सभी अतिथियों का औपचारिक परिचय दिया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया।

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