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होली : टूटी तणी, उड़ी गुलाल, धरती अम्बर हुए हरे पीले लाल

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बीकानेर । हवा में लाल, नीली, पीली, हरी गुलाल उड़ रहीं थी। डीजे पर तेज संगीत के साथ सतरंगी रंगों में डूबे युवाओं की हुल्लड़बाजी का सैलाब ऎसे हिलौरे ले रहा था जैसे समंदर में लहरों की गर्जना हो रहीं थीं। यह दृश्य था बीकानेर के नत्थूसर गेट के बाहर होली की दोपहर को तणी तोड़ने का। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों होली रसिकों की भीड़ नत्थूसर गेट पर जमा हो गयी। रंग बिरंगे रंगों से सरोबार लोगों की उपस्थिति से माहौल अलग ही बन रहा था।

बता दें कि तणी तोड़ने का कार्यक्रम पुष्करणा समाज की विभिन्न जातियों द्वारा सामूहिक रूप से संपन्न करवाया जाता है। कार्यक्रम में जोशी जाति के व्यक्ति द्वारा तणी काटी जाती है। वहीं जोशी को कंधा किराडू जाति द्वारा प्रदान किया जाता है और सूरदासाणी पुरोहितों द्वारा तिलक लगाया जाता है। तणी कटने के साथ ही लोगों ने जमकर गुलाल उछाली, जिससे समूचा वातावरण सतरंगी हो गया। पूरा नत्थूसर गेट रंग बिरंगी गुलालों से अट गया। होली के मौके पर खुशियों से सरोबार लोगों ने एक दूसरे पर रंग-गुलाल उछाला। इसके चलते पूरा इलाका रंगीन हो गया ।

इस बार पिछले सालों के मुकाबले भीड़ बहुत ज्यादा थीं। बताया जा रहा है कि ऐसा दो साल कोरोना के बादल छंट जाने के चलते हुआ। लोगों में तणी तोड़ने को लेकर बेतहाशा उत्साह देखा गया। यहां यह भी बता दें कि तणी तोड़ने के इस कार्यक्रम के बाद होली खेलने पर करीब करीब विराम लग जाता है, लेकिन कुछ रंगों में आकंठ डूबे रसिक देर रात तक होली खेलने की मस्ती का लुत्फ लेते नजर आए। इनकी हालत ऐसी रहती है कि इसी दिन से ये अगली होली का बेसब्री से इंतजार करने लगते हैं।

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