म्हारे हिवड़े रा हार बसग्या सुरगां में जार… गीत से भक्तिमय बनी गोष्ठी
नैतिकता का शक्तिपीठ जन जन में नैतिकता का भाव भरने का सशक्त केंद्र – मुनि मोहजीत कुमार
गंगाशहर (बीकानेर)। बीदासर से गंगाशहर होते हुए बालोतरा की ओर यात्रारत मुनिश्री मोहजीत कुमार अपने सहयोगी मुनिश्री भव्यकुमार और जयेशकुमार के साथ अणुव्रत स्थापना दिवस 1 मार्च को प्रातः लालकोठी बीकानेर से विहार करके आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, नैतिकता का शक्तिपीठ तुलसी समाधि स्थल पधारे। गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी का पुण्य स्मरण करते हुए जप, ध्यान और स्वरलहरी संगान से गुरुदेव को अपनी भावांजलि अर्पित की, लम्बे अन्तराल के बाद मुनि प्रवर का गंगाशहर आगमन हुआ है तो तीनों संतो ने तुलसी समाधि स्थल संस्थान के वृहद भू भाग का भ्रमण कर वहां चल रहे एक एक आयाम, गतिविधि, कार्यों आदि आदि का अवलोकन किया। इस अवसर पर प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज डागा, दीपक आंचलिया, आदि उपस्थित रहे और मुनि प्रवर को सारी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर रात को मुनिश्री मोहजीत कुमार और भव्य मुनि के सान्निध्य में आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान संस्थान द्वारा एक चिंतन गोष्ठी का आयोजन हंसा गेस्ट हाउस में किया गया जिसमे वर्तमान में इस केंद्रीय संस्था के चल रहे विभिन्न प्रकल्पों, गतिविधियों, आयामों आदि की विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी और आगे भविष्य में करणीय अन्य कार्यों के बारे में विस्तार से चिंतन किया गया।
मुनिश्री मोहजीत कुमार ने फ़रमाया कि आज इस जगह आकर बहुत आनंद की अनुभूति हो रही है और परम पूज्य गुरुदेव के साथ के कई पुराने संस्मरणों की सहज स्मृति हो रही है। यह नैतिकता का शक्तिपीठ जन जन में नैतिकता का भाव भरने और अलख जगाए रखने का अक्षय कोष साथ ही सशक्त केंद्र है।
इस अवसर पर मुनिश्री ने छोटे छोटे कार्यों, गतिविधियों के माध्यम से यहाँ आने वालों श्रद्धालू लोगों के जुडाव को बढ़ाने की कई बातो को बताया।
चिंतन गोष्ठी में प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज डागा, पूर्व महामंत्री जतन दुग्गड़, दीपक आंचलिया, किशन बैद, भेरुदान सेठिया, धर्मेन्द्र डाकलिया, विमलसिंह चोरड़िया, अमरचंद सोनी, राजेंद्र पारख, प्रकाश भंसाली, मनीष बाफना, आदि और भी लोगों ने अपने अपने सुझाव दिए और मुनि श्री से मार्ग दर्शन प्राप्त किया.
धर्मेन्द्र डाकलिया ने इस अवसर पर मुनिश्री मोहजीत कुमार द्वारा रचित गीत “म्हारे हिवडे रा हार बसग्या सुरगां में जार, प्रभु ने ध्यावां नित उठ तुलसी रा गौरव गावां” का मधुर कंठों से संगान कर चिंतन गोष्ठी का वातावरण भक्ति और संगीत मय बना दिया।
आज की इस चिंतन गोष्ठी में नारायण गुलगुलिया, राजेंद्र नाहटा, राजेंद्र बोथरा, भंवरलाल सेठिया, हेमराज गुलगुलिया, ललित गुलगुलिया, संतोष बोथरा, मीनाक्षी आंचलिया, अनुपमा सेठिया आदि उपस्थित रहे. चिंतन गोष्ठी कार्यक्रम का कुशल संचालन दीपक आंचलिया और आभार ज्ञापन धर्मेन्द्र डाकलिया ने किया।