BikanerExclusiveSociety

पापड़ हद बण्यो मोय मोकळी साजी, इये सम्बन्ध सूं दोनों सगा राजी…

रमक झमक ने तैयार करवाए सावे की सबसे बड़ी रस्म ‘बड़ पापड़’

मंगल गीत गाकर व स्वस्तिवाचन कर कुंमकुंम व रोली से उकेरे मांगलिक चिन्ह

बीकानेर। आगामी 18 फरवरी को होने वाले लोक प्रसिद्ध पुष्करणा सावे के लिए रमक झमक मंच की ओर से बड़ पापड़ तैयार करवाए गए। रमक झमक मंच पर एक विशेष प्रकार की सामग्री से निर्धारित वजन ,मोटाई व गोलाई से सावे की खास रस्म ‘खिरोडा’ में वधु पक्ष की ओर से वर पक्ष को उसके सबसे बड़े बुजुर्ग सगे सम्बन्धियो को दिया जाने वाला ‘बड़ पापड़’ तैयार हुआ। रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने बताया कि सुहागिन महिलाओं ने भगवान गणेश,भगवती लक्ष्मी व लोक देवताओं के गीतों के साथ ‘बन्ना बन्नी’ और खासकर सुहाग के गीत गाते हुए इनको तैयार किया व इन पर पायजेब, बिछुड़ी, चूड़ी, पाटला व कुंमकुंम रोली से ईशर-गवर, स्वस्तिक आदि शुभ व मंगलकारी चिन्ह बनाए।

राधे ओझा आदि ने इन पर जयश्रीकृष्ण,पगेलागूं सा सा व सगे सगे री जड़ आदि लिखे। प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि इन बड़ पापड़ को पहले सगे सम्बन्धियों के यहां बांचा (पढ़ा) जाता है, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था कि यह परम्परा बंद सी होने लगी थी तब पण्डित छोटुलाल ओझा ने इस परम्परा को जीवंत रखने के लिये ‘बड़ पापड़’ बनाकर कई जगह स्वयं जाकर इसे बाचने की सेवा देने की शुरुआत की थी। उन्ही की शुरू कि गई यह सेवा रमक झमक आगे बढ़ाकर चालू रखने का प्रयास कर रहा है। ओझा ने बताया कि बड़ पापड़ की संख्या को देखकर व उसपर लिखे व बांचे गए शब्दों से खिरोड़े की सामग्री, उनके इष्ट देव व उनके भाव के अलावा दोनों परिवारों में सबसे बड़े सगे सम्बधी कौन कौन है पता चल जाता है। बड़ पापड़ बांचने में एक सगा दूसरे सगे की प्रशंसा करता है हास्य विनोद कर एक दूसरे में प्रेम व घनिष्टता सम्बन्ध की शुरुवात करते है।
पापड़ हद बण्यो मोय मोकळी साजी, इये सम्बन्ध सूं दोनों सगा राजी‘ जैसे दोहात्मक शैली में पापड़ बांचे जाते है।
रमक झमक के मंच पर वरिष्ठ समाज सेविका रामकवरी ओझा के निर्देशन में रींकू ओझा, लक्ष्मी ओझा,विजय लक्ष्मी छंगाणी, गायत्री छंगाणी, कोलकत्ता की सावित्री देराश्री व गायत्री देराश्री ने बड़ पापड़ सजाए। पँचाग कर्ता प.राजा ओझा, कर्मकांडी महेश ओझा व आशीष ओझा ने स्वस्ति वाचन मंगलाचरण कर बड़ पापड़ के स्वस्तिक बनाकर गणपति की पूजा की। पापड़ बनाते समय महिलाओं ने विवाह के सुहाग के व मंगल गीत गाए।

रमक झमक के राधे ओझा ने बताया शाम 5 से 8 तक मंच पर खिरोडा के लिए वधु पक्ष को बड़ पापड़ के अलावा, दूध कलश, गुड़ भेली, नारियल सामग्री, यज्ञोपवीत बटुकों सामग्री वितरण व मंच पर पंडितों की सेवा उपलब्ध रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *