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कोरोनाकाल ने बिगाड़े लघु एवं मध्यम विद्यालयों के आर्थिक हालात, डागा ने सीएम को भेजा मांगपत्र

बीकानेर। निजी विद्यालयों की समस्याओं को लेकर स्कूल शिक्षा परिवार द्वारा सीएम अशोक गहलोत को एक पत्र भेजा गया है। स्कूल शिक्षा परिवार के अध्यक्ष सुरेन्द्र डागा ने बताया कि कोरोना के चलते लघु व मध्यम दर्जे के गैर सरकारी विद्यालयों के आर्थिक हालात बहुत खराब चल रहे हैं। कोरोनाकाल के तीन वर्ष की इस अवधि ने नुकसान बढ़ाया है।

डागा ने पत्र में उल्लेख किया है कि कोरोना या अन्य आपदा के मामले में वल्र्ड बैंक, यूनिसेफ डब्ल्यूएचओ आइसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार ही स्कूलों को बन्द करने की कार्रवाई हो, न कि मंत्रियों या अधिकारियों की राय के अनुसार मनमाफिक खोले व बंद किए जाएं। डागा ने बताया कि आरटीई का भुगतान गत तीन सालों से रूका पड़ा है इसमें रेड लाइन, ऑफलाइन स्टडी एवं अन्य विसंगतियों को बताकर रोका गया है, जो कि सरासर गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं पर कुठाराघात है। तत्काल भुगतान की कार्रवाई की जाए, राज्य सरकार को लेट भुगतान करने पर पुर्नभरण नहीं करती है, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय घाटा हो रहा है। अत: भुगतान समय पर करने एवं लेट होने पर अधिकारियों के वेतन से कटौती करने एवं तत्काल दूसरी किश्त 2020-21 का भुगतान करवाने का आदेश किए जाएं।

अध्यक्ष डागा ने बताया कि कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में उल्लेखित शिक्षा सम्बंधी वायदे यथा 7.13.7.17.7.18.7.24 जिनमें निजी स्कूलों के कल्याण बोर्ड गठन का वायदा इसी बजट सत्र में किया जाए। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष विद्यार्थियों से परीक्षा फार्म के अलावा प्रत्येक निजी विद्यालय से 2000/- रूपये संबंधित शुल्क के नाम से लिया जाता है उसे भी बन्द किया जाए। बिना टीसी सरकारी एवं गैर सरकारी दोनों स्तर पर प्रवेश बन्द हो गये हैं। एडमिशन पर टीसी एवं अंकतालिका की अनिवार्यता की जाए। प्रवेश पत्र परीक्षा में बैठने व टीसी लेने पर सरकारी तर्ज अनुसार सम्पूर्ण बकाया जमा करवाने की अनिवार्यता भी हो। इन मांगों का एक ज्ञापन जिला कलक्टर को भी सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में स्कूल शिक्षा परिवार के मनोज सिंह राजपुरोहित, प्रकाश व्यास, चम्पालाल गेदर, उमानाराम, प्रभुदयाल गहलोत आदि उपस्थित रहे।

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