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…तो कल्ला जी, सिलाई कला बोर्ड का भी गठन कर दो

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बीकानेर । श्री पीपा क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा ने आज जयपुर में शिक्षा, कला संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला से भेंट की। कच्छावा ने उनसे सिलाई कार्य करने वाले श्री पीपा क्षत्रिय समाज एवं नामदेव समाज के लिए ‘‘सिलाई कला बोर्ड’’ के गठन करने की मांग की। डाॅ. बी.डी. कल्ला ने इस के लिए सकारात्मक रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

कच्छावा ने बताया कि श्री पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज के लोग पूरे राजस्थान में (विशेषतः बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, जालौर, उदयपुर तथा कोटा संभाग में) तथा मध्य प्रदेश गुजरात महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में निवास करते हैं। इसी प्रकार,‘‘ नामदेव छीम्पा समाज ‘‘के लोग भी पूरे राजस्थान के विभिन्न जिलों में निवास करते हैं तथा ‘‘श्री पीपा क्षत्रिय समाज‘‘ एवं ‘‘नामदेव छीम्पा समाज‘‘ के करीब 80 -90 प्रतिशत लोग अपना परंपरागत सिलाई, कढ़ाई एवं कशीदाकारी कार्य करके अपना एवं अपने परिवार का गुजारा करते हैं। गत वर्षों में औद्योगिकरण तथा मशीनीकरण के कारण रेडीमेड वस्त्रों का अधिक प्रचलन हो गया है, जिससे समाज के हजारों लोगों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है। पहले नोटबंदी तत्पश्चात गत दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण समाज के लोगों की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है तथा रोजी-रोटी का संकट हो गया है।

सीताराम कच्छावा ने शिक्षामंत्री को देश के विभिन्न राज्यों में परंपरागत कामगार -समाजों जैसे काष्ठ- कार समाज, विश्वकर्मा समाज, सेन समाज, बुनकर समाज आदि के परंपरागत कार्यों को संरक्षण एवं प्रोत्साहन देने के लिए तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने के लिए विभिन्न राज्यों में बोर्ड का गठन किया गया है। साथ ही 09 फरवरी 2022 को राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ‘शिल्प एवं माटी कला बोर्ड’ ‘केश कला बोर्ड’ आदि का गठन किया गया है, लेकिन श्री पीपा क्षत्रिय समाज द्वारा गत वर्षों से लगातार पत्र/मेल प्रेषित करने के बावजूद भी सरकार द्वारा ‘सिलाई कला बोर्ड’ का गठन नही किया गया है। जबकि मध्यप्रदेश में ‘सिलाई कला मंडल’ का गठन किया गया है। ऐसा राजस्थान में नहीं होने से प्रदेश के श्री पीपा क्षत्रिय समाज एवं नामदेव छीम्पा समाज मे निराशा एवं आक्रोश है।

कच्छावा ने ‘शिल्प एवं माटी कला बोर्ड’ तथा ‘केश कला बोर्ड’ की तरह ही राजस्थान में ‘सिलाई कला बोर्ड’ का गठन करवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की ताकि परम्परागत सिलाई कार्य करने वाले ‘श्री पीपा क्षत्रिय समाज’ एवं ‘नामदेव छीम्पा समाज’ के लोगों को सिलाई कार्य हेतु अनुदान देने, ब्याज मुक्त ऋण या न्यूनतम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही उनके उत्पादों का प्रचार-प्रसार एवं उचित मूल्य दिला कर, अन्य सहयोगी उपायों से सिलाई कला का सरंक्षण एवं विकास किया जा सके तथा इन समाजों को राजनैतिक प्रतिनिधित्व भी दिया जा सके। कच्छावा ने डाॅ. बी.डी. कल्ला से मुख्यमंत्री से समाज के शिष्टमण्डल से मिलने हेतु समय दिलवाने का आग्रह किया ताकि शिष्टमण्डल अपनी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत कर सके।

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