साधु – संतों का गोचर को लेकर आक्रोश चरम पर
भाटी के धरने पर जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा
सरकार व्यर्थ कानून बनाने से परहेज करें- बिहारी बिश्नोई
बीकानेर। राजस्थान सरकार के गोचर, ओरण व चारागाह की भूमि पर पुराने कब्जों को नियमित कर पट्टे देने के निर्णय के खिलाफ पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी का बेमियादी धरना रविवार को भी जारी रहा । धरना स्थल पर देशभर से साधु – संतों व जनप्रतिनिधि का आकर भाटी को समर्थन देने का सिलसिला जारी रहा । धरना स्थल पर दिनभर भजन कीर्तन व अन्य धार्मिक गतिविधियां चल रही है । भाटी के धरने को समर्थन देने के लिए संत – महात्मा अपने मठों से निकल कर धरना स्थल पर पहुंच रहे है । यहां आने वाले संतों का भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामकिशन आचार्य , समाजसेवी देवकिशन चांडक व अंशुमानसिंह भाटी ने संतों की चरण वन्दना कर उनका अभिनन्दन किया । वहीं नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने धरने में शिरकत कर अपना समर्थन जताया ।
भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि सोमवार को धरना स्थल पर देवास हरि गोशाला के भोला बाबा अपने शिष्यों के साथ धरना स्थल पर आये व पूर्व मंत्री भाटी को इस धर्म युद्ध में विजय का आशीर्वाद दिया ।
इस अवसर पर उपस्थित गो भक्तों को सम्बोधित करते हुए भोले बाबा ने कहा कि यदि गोचर नहीं बचेगा तो गाय कहा से बचेगी और यदि गाय ही नहीं बची तो धर्म , खेती , संस्कार , सभ्यता , स्वास्थ्य , संस्कृति कुछ भी नहीं बचेगा । उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि भाटी के इस धर्म युद्ध में उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें । भाटी ही राजस्थान के एकमात्र ऐसे नेता है जिन्होंने गाय व गोचर की चिन्ता की है । इनके प्रयासों से अनेक गोशालाओं में सेवण घास लगायी गयी ओर जहां हम बैठे है वहां वे दीवार का निर्माण तो सब देख ही रहे हैं । दीवार निर्माण कार्य मे समाज आगे आया तो ही कार्य सम्भव हो पाया । धरना स्थल पर नोखा विधायक अपने समर्थकों के साथ पहुंचे व पूर्व मंत्री भाटी के धरने का समर्थन किया ।
इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए बिहारी ने कहा कि राज्य सरकार व्यर्थ कानून बनाकर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता । बिहारी ने भाटी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा गोचर , ओरण समाज की भूमि है सरकारें इसमें अपनी टांग न अड़ाए। इसमें समाज ही आगे आकर गोचर व ओरण को बचा सकता है । बिहारी ने पूरजोर स्वर में सरकार को अपना निर्णय वापिस लेने की मांग की । धरने पर आज राधा कृष्ण मंदिर व गौशाला फलौदी से आये संत दयानंद गिरि महाराज ने कहा कि बीकानेर में लग रहा यह धरना इतिहास बनाएगा सरकार को झुकना ही पड़ेगा । यदि सरकार इसमें देरी करती है तो संत समाज गो भक्त भाटी के साथ खड़ा रहेगा । इसके साथ आये कंवर लाल, शिवाय मंगलम्, लाली सिद्धू ने भी धरने में शिरकत की ।
सोमवार को धरना स्थल पर पूर्व मंत्री भाटी ने दोहराया कि हमारा उद्देश्य किसी का आशियाना उजाड़ने का नहीं है । सरकार सही ढंग से टाउन प्लानिंग करें । वर्तमान में पूर्व राज्य के विभिन्न गोचर, ओरण में जितने भी कब्जे है उनकी पेमाईश करवाकर उतनी ही भूमि जो गोचर के नजदीक चाहे वह राजकीय भूमि हो या निजी भूमि उसे अवाप्त कर गोचर के लिए आवंटित करें ।
भाटी ने कहा कि गोचर का यह आन्दोलन अब जन आन्दोलन बनता जा रहा है जब कोई आवाज जनता की आवाज बन जाती है तो सरकारों को झुकना ही पड़ता हैं ।
सोमवार को भी भाटी के धरने पर श्रीगंगानगर के पूर्व नगर विकास न्यास अध्यक्ष महेश पेड़िवाल, पूर्व सरपंच राजाराम जाखड़ , सतपाल कासनियां , जीव रक्षा संस्था के अध्यक्ष मोखराम धारणियां , तहसील अध्यक्ष मोतीराम बिश्नोई , निर्मल धायल , नगर परिषद् की पूर्व सभापति श्रीमती जसोदा गहलोत , पूर्व उप महापौर अशोक आचार्य , पूर्व उप – प्रधान शिवरतन औझा लुनकरनसर , प्रभुदयाल सारस्वत लुनकरनसर , नरेन्द्र आर्य खाजूवाला , मनोहर सियाग , उमाशंकर आचार्य , समाजवादी नेता नारायण दास रंगा , ज्योतिषाचार्य केशव प्रसाद बिस्सा ने धरना स्थल पर पहुंच कर भाटी के धरने को अपना समर्थन दिया । धरने पर भजन कीर्तन का दौर सोमवार को भी जारी रहा । गायिका प्रेमलता पणिया व पृथ्वीसिंह पंवार ने भक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर वातावरण को भक्तिमय बनाये रखा ।
27 जनवरी गुरूवार रात्रि को बिश्नोईयों के गुरू जम्भेश्वर का जागरण होगा वही शुक्रवार को सरकार की सद्बुद्धि के लिए संत सचिनंद महाराज लालासर के सानिध्य में 120 शब्दों का हवन पाठ धरना स्थल पर किया जाएगा।