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चूहों की आंत्र पर शोध : डूंगर काॅलेज की पूजा रानी को युवा वैज्ञानिक अवार्ड

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चूहों की आंत्र पर देखा विकिरण एवं मर्करी का दुष्प्रभाव एवं मोरिंगा ओलिफेरा का रक्षात्मक प्रभाव

बीकानेर 23 जनवरी। डूंगर काॅलेज के प्राणीशास्त्र विभाग की पूजा रानी को महाविद्यालय द्वारा 19 से 21 जनवरी को आयोजित विकिरण जैविकी के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में युवा वैज्ञानिक अवार्ड से नवाजा गया है। प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने बताया कि सम्मेलन में कुल छह युवा शोधार्थियों को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया जिसमें डूंगर काॅलेज से एकमात्र डाॅ. पूजा रानी विजेता रही। डाॅ. सिंह ने बताया कि पूजा रानी प्राणीशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित के निर्देशन मे शोध कार्य कर रही है। प्राचार्य ने बताया कि महाविद्यालय का प्राणीशास्त्र विभाग विकिरण जैविकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य किया है।
विभागाध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि पूजा रानी ने चूहों की आंत्र पर विकिरण एवं मर्करी का दुष्प्रभाव एवं उस पर मोरिंगा ओलिफेरा का रक्षात्मक प्रभाव पर शोध कार्य किया है जिसे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व वैज्ञानिकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पूजा रानी ने चूहों की मध्यांत्र में जैवरासायनिक एवं औत्तिकी अध्ययन किया जिसके परिणाम आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक प्राप्त हुए हैं। पूजा राजी के साथ ही इन्दु बाला, शेफाली सोब्ती, बीरबल राम, डाॅ. पंकज जोशी एवं डाॅ. जयश्री बनोत जैसे युवा विकिरण वैज्ञानिकों ने सहयोग किया। डाॅ. पुरोहित ने बताया कि सहजनी पादप के सेवन से कैन्सर रोगियों के उपचार में काफी मदद मिलती है। डाॅ. पुरोहित ने कहा कि विकिरण से जो मुक्त मूलक बन जाते हैं उन्हें सहजनी द्वारा उत्पन्न ग्लुटाथायोन रसायन द्वारा हटा दिया जाता है जिससे अपरोक्ष रूप से विकिरणों से आंत्र एवं अन्य उत्तकों को सुरक्षा मिलती है।
पूजा रानी की इस उपलब्धि पर प्राणी शास्त्र विभाग के संकाय सदस्यों, शोधार्थियों एवं काॅलेज के आला अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

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