BikanerCOVID19-STATSExclusive

कोविड पाॅजीटिव फिर भी लिस्ट में नाम नहीं मतलब…

बीकानेर। बीकानेर में रोजाना कोरोना संक्रमित आ रहे हैं, लेकिन अनेक कोरोना पाॅजीटिव ऐसे भी हैं जिनका संक्रमितों की लिस्ट में जिक्र तक नहीं होता है। यानि मेडिकल कॉलेज से जारी लिस्ट में इन संक्रमितों को शामिल नहीं किया जाता। यदि इनको शामिल किया जाता तो रोजाना आ रहे आंकड़ों का आकार कुछ और बड़ा होता। चिकित्सा महकमा ऐसा क्यों कर रहा है यह समझ से परे है। हालांकि इस संबंध में सीएमएचओ डॉ बी एल मीणा से दो तीन बार संपर्क भी साधा, लेकिन उनका फोन नो रिप्लाई आता रहा और उन्होंने काॅल बैक करना भी जरूरी नहीं समझा। खैर, बात करते हैं रेपिड एंटीजन टेस्ट की। इस टेस्ट से कोरोना पाॅजीटिव है या नहीं की रिपोर्ट 20-25 मिनट में आ जाती है जबकि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में करीब करीब एक दिन का समय लगता है। यहां रेपिड टेस्ट को लेकर आमजन की शिकायत है कि लिस्ट में नाम क्यों नहीं आया। कुछ दिनों पहले मेरे बेटे का रेपिड टेस्ट करवाना पड़ा तब उसे पाॅजीटिव बताया गया और मुरलीधर व्यास नगर डिस्पेंसरी से आए स्टाफ ने घर के बाहर क्वारेन्टइन का पर्चा चिपका दिया और दवा का कोर्स भी आ गया। फिर शाम को व अगले दिन मेडिकल कॉलेज से जारी कोरोना पाॅजीटिव की लिस्ट में बेटे का नाम नदारद था। तब आमजन की शिकायत सही प्रतीत हुई। इसके दो दिन बाद मैं स्वयं कोरोना पाॅजीटिव आ गया। मैंने भी माहेश्वरी भवन के पास स्थित डिस्पेंसरी से रेपिड टेस्ट करवाया था, लेकिन वहां से न कोई पर्चा चिपकाने आया और न ही दवा का कोर्स मिला। केवल पाॅजीटिव आने का फोन जरूर आया। सबसे बड़ी बात तो यह रही मेडिकल कॉलेज से जारी संक्रमितों की लिस्ट में मेरा भी नाम नहीं मिला। जाहिर है कि रेपिड टेस्ट के नाम पर कोरोना संक्रमितों को उपचार तो दिया जा रहा है, लेकिन उन्हे आंकड़ों में शामिल नहीं किया जा रहा है। वरना आंकड़ो का आकार वास्तविक अंकों से कई गुना ज्यादा हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक ऐसा केवल बीकानेर ही नहीं देशभर में किया जा रहा है , लेकिन क्यों किया जा रहा है यह तो स्वास्थ्य महकमा ही बता सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *