BikanerExclusiveSociety

सरकार गोचर भूमि पर अपना निर्णय वापिस लें- क्षमाराम महाराज

0
(0)

भाटी का बेमियादी धरना नौवे दिन भी जारी

बीकानेर। राजस्थान की सरकार जन भावनाओं का आदर करें व हाल ही में लिये गोचर, ओरण भूमि पर नाजायज पट्टे देने के अपने निर्णय को वापिस लें । ये विचार सींथल पीठाधीश्वर क्षमाराम महाराज ने शरेह नथानियान गोचर भूमि में देवी सिंह भाटी द्वारा लगाए गए धरने पर अपने प्रवचन के दौरान व्यक्त किए । क्षमाराम महाराज ने कहा पूर्व मंत्री भाटी हमेशा से ही संतों का आदर करते रहे हैं । उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि एक बार रामसुखदास महाराज का प्रवचन चल रहा था सरकार द्वारा गोचर भूमि का अधिग्रहण करने की बात तीस वर्ष पूर्व भी आयी थी उस प्रवचन में पूर्व मंत्री देवी सिंह की माताजी विराजमान थी । महाराज ने उनके सामने यह चिन्ता व्यक्त की व भाटी जी की माताजी से आग्रह किया कि वे देवी सिंह जी से बात कर यह अध्यादेश वापस करवाने की कार्रवाई कराएं । तब भाटी की माता ने देवी सिंह भाटी को वहीं बुलाकर गोचर पर उन्हें महाराज की चिन्ता से अवगत कराया । क्षमाराम ने बताया कि उस समय भाटी ने राज्य सरकार को चेतावनी देकर कुछ ही दिनों में यह अध्यादेश वापस कराकर महाराज की इच्छा पूरी की ।

क्षमाराम ने कहा भाटी तब भी वही थे आज भी वही है दानदाताओं द्वारा गाय को चरने के लिए दी गयी भूमि पर पट्टे काटने के निर्णय को किसी भी दृष्टि से जन भावनाओं के अनुरूप नहीं कहा जा सकता । राजस्थान सरकार जन भावनाओं का आदर करें व धर्म को समझें । राजस्थान में एक मात्र देवी सिंह भाटी है जिन्होंने स्वामी जी की प्रेरणा से गाय व गोचर के महत्व को समझा है । भाटी ने गोचर के लिए इस तरह का आन्दोलन चला कर संतो की आवाज को बल दिया हैं । भाटी से प्रेरणा लेकर इस तरह के पवित्र आन्दोलन में अन्य नेता अपनी भागीदारी करेगें तभी वो राजनीति में सफल होगें । क्षमाराज के साथ रामपाल , रामप्रसाद , रामस्वरूप , रामप्रकाश , धनाराम , गणेश व सुरजाराम महाराज ने भी इस धर्म सभा में पहुंच कर सत्संग किया ।

भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि इससे पूर्व सींथल पीठाधीश्वर श्री क्षमाराम जी महाराज अनेक संतो के साथ धरना स्थल पर पधारे व भाटी को सफल होने का आशीर्वाद दिया । संत के धरना स्थल पर पहुचने पर देवीसिंह भाटी व उनके पौत्र अंशुमानसिंह भाटी , समाजसेवी देवकिशन चांडक व उपस्थित गौ भक्तों व श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा व जयकारों के साथ संतो का स्वागत किया गया ।

धरना स्थल पर पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि सरकारें बिना सोचे – समझे जन भावनाओं के विरूद्ध कार्य करती है फिर सोचती है आम जन अशान्त हो लोग मरे उसके बाद ही व उस कार्य को सही अंजाम देती हैं । उन्होंने बताया कि इस गोचर पर जब दीवार बननी शुरू हुई तब सरकारी नुमाइन्दे इसे रोकने के लिए आये लेकिन जन आक्रोश के कारण उनको वापिस लोटना पड़ा । भाटी ने ऐलान किया कि वे जीते जी सरकार को ऐसे जन विरोध कार्यों को क्रियान्वित नहीं होने देने और ऐसे जन विरोध कार्यों की खिलाफल में मैं सबसे आगे रहूंगा ।

धरना स्थल पर विधा भाटी ने गोपालन के वैज्ञानिक व आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चौरासी लाख योनियों में गाय ही एक मात्र ऐसा जीव है जिसे मानव ने माता का दर्जा दिया हैं । धरना स्थल पर भजन कीर्तन भी चल रहे है शुक्रवार को ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र किराडू , प्रेमलता पणिया , सरोज बिहाणी , वन्दना बिहाणी , मंजू स्वामी , अलका बिश्नोई , पृथ्वीसिंह पंवार ने गाय गोचर व गौ भक्त भाटी पर नये गीतों की प्रस्तुति दी ।

धरना स्थल पर ग्रामीण क्षेत्रों से गो भक्तों का आना जारी है देशनोक से पार्षद रमेश शर्मा , ताराचंद दर्जी पूर्व उपाध्यक्ष हनुमानदान चारण , पूर्व पार्षद कमल नाहटा, नथमल सुराणा, शिवदयाल महाराज, भाजयुमों के अध्यक्ष देवेन्द्र चारण, गिरीश हिन्दूस्तानी, राममोहन खत्री, विक्रमदास, रामेश्वर सुथार, मथरादास सोनी , मोहनसिंह नाल , कैलाश भट्ठड़, केदार व्यास, हनुमान सोनी, बलदेव पारीक, पूर्व पार्षद गोपीकिशन गहलोत, लक्ष्मण गहलोत सहित अनेक लोगों ने दिन भर धरने पर बैठकर भाटी के धरने को समर्थन दिया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply