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रोग निदान एवं उपचार में एआई और जिनोमिक्‍स अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण – डॉ अनुराग अग्रवाल

जब अल्‍फा वेरिएंट पैर पसार रहा था, उस समय सीरी की टीम ने …

सीएसआईआर-सीरी द्वारा जिज्ञासा विज्ञान महोत्‍सव 2022 के तहत बूट कैंप का आयोजन

पिलानी। सीएसआईआर-सीरी में जिज्ञासा विज्ञान महोत्‍सव 2022 के अंतर्गत वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में सुप्रसिद्ध जिनोम वैज्ञानिक डॉ अनुराग अग्रवाल का आमंत्रित व्‍याख्‍यान आयोजित किया गया। सीएसआईआर की नई दिल्‍ली स्थित राष्‍ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला – जिनोमिकी एवं समवेत जीवविज्ञान संस्‍थान (आईजीआईबी), के डॉ अनुराग अग्रवाल ने नॉट सो एलिमेन्‍ट्री : एआई एंड हेल्‍थ विषय पर अपना महत्‍वपूर्ण व्‍याख्‍यान दिया। वेबिनार के माध्‍यम से डॉ अनुराग अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं व संस्‍थान के वैज्ञानिकों एवं अन्‍य सहकर्मियों को संबोधित किया। अपने आमंत्रित व्‍याख्‍यान में डॉ अनुराग ने श्रोताओं को रोगों के निदान व उपचार में ए आई (आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्‍स) और जिनोमिक्‍स के महत्‍व को रेखांकित करते हुए बताया कि कोविड के शुरुआती दौर में जब अल्‍फा वेरिएंट अपने पैर पसार रहा था, उस समय सीएसआईआर-सीरी की टीम ने आईजीआईबी व अन्‍य सीएसआईआर प्रयोगशालाओं की टीमों के साथ मिलकर ए आई मॉडल का उपयोग करते हुए सीने की एक्‍स-रे इमेज से कोरोना का लिंक स्‍थापित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्‍होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्‍स अपने आरंभिक दौर से बहुत विकसित हो चुकी है परंतु अ‍भी भी इसमें विकास की असीमित संभावनाएँ हैं।

वेबिनार की अध्‍यक्षता सीएसआईआर-सीरी, पिलानी के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। अपने स्‍वागत उद्बोधन में उन्‍होंने डॉ अनुराग को देश में जिनोमिक्‍स के क्षेत्र में प्रमुख हस्‍ताक्षर बताया। डॉ पंचारिया ने कहा कि डॉ अनुराग अग्रवाल देश में जिनोम सीक्‍वेंसिंग के सर्वश्रेष्‍ठ वैज्ञानिक हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि सभी श्रोता डॉ अनुराग के व्‍याख्‍यान से लाभान्वित होंगे।

वेबिनार का संचालन करते हुए बूट कैंप के मेन्‍टर ऑफ चेंज व प्रधान वैज्ञानिक प्रमोद कुमार तँवर ने डॉ अनुराग अग्रवाल का औपचारिक परिचय दिया। उन्‍होंने बताया कि देश की किशोर जनशक्ति को वैज्ञानिक नवाचार की ओर आकर्षित करने और उद्यमिता (एन्‍टर‍प्रिन्‍योरशिप) के लिए प्रेरित व प्रोत्‍साहित करना ही ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्‍य है। व्‍याख्‍यान के उपरांत छात्रों के लिए वैज्ञानिक क्विज़ का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों से ए आई, स्‍वास्‍थ्‍य और सामान्‍य विज्ञान संबंधी विषयों पर प्रश्‍न पूछे गए। क्विज़ का संचालन संस्‍थान के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ गौरव पुरोहित ने किया।

इससे पूर्व मुख्‍य वैज्ञानिक एवं कौशल विकास कार्यक्रम के प्रमुख डॉ अभिजीत कर्माकर ने बूट कैंप की पृष्‍ठभूमि से अवगत कराते हुए कहा कि जिज्ञासा विज्ञान महोत्‍सव 2022 के अंतर्गत बूट कैंप का आयोजन आजादी का अमृत महोत्‍सव के एक भाग के रूप में किया जा रहा है। मीडिया को जानकारी देते हुए संस्‍थान के निदेशक डॉ कर्माकर ने बताया कि अटल इनोवेशन और जिज्ञासा मिशन के अंतर्गत सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक अटल टिंकरिंग लैब्स को मेन्‍टर कर रहे हैं और झुंझुनूँ के चयनित विद्यालयों के लिए संस्‍थान के प्रधान वैज्ञानिक प्रमोद तँवर ‘मेन्‍टर ऑफ चेंज’ हैं जो ऑनलाइन माध्‍यम से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। अटल इनोवेशन मिशन द्वारा छात्रों के लिए यूट्यूब के माध्‍यम से वेबिनार की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम के माध्‍यम से देश की युवा प्रतिभाओं को न केवल श्रेष्‍ठ वैज्ञानिकों एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों से संवाद का अवसर उपलब्‍ध कराया जा रहा है अपितु उन्‍हें नवीनतम तकनीकों को सीखने व समझने का शानदार अवसर भी प्राप्‍त हो रहा है। उन्‍होंने बताया कि बूट कैंप में प्रतिभागिता करने वाले पंजीकृत विद्यार्थियों को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जाएँगे। अंत में मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ अभिजीत कर्माकर ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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