सेवादल प्रचारक नहीं विचारक तैयार करता है- कल्ला
नवसंकल्प के साथ मनाया गया दल दिवस
बीकानेर। कांग्रेस सेवा दल का 99 वां स्थापना दिवस शहर एवं देहात कांग्रेस सेवा दल द्वारा स्थानीय लक्ष्मी हेरिटेज में सेवादल के नरसिंह दास व्यास की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम के संयोजक गौरव मूधड़ा ने बताया कि इस अवसर पर सबसे पहले दीप प्रज्वलन कर समारोह की शुरुआत की गई और तुरंत बाद ध्वज वंदन कर राष्ट्र गीत के साथ समारोह की शुरुवात की गई। इसके बाद सेवादल के संस्थापक एन एस हार्डिकर, महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और एस एन सुब्बाराव के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में सेवा दल के पूर्व संगठको एम जहांगीर, नरसिंह दास व्यास, शिवशंकर हर्ष का सूत की माला एवं गाँधी टोपी पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं सेवा दल के प्रदेश उप संगठक कमल कल्ला ने कहा कि सेवा दल देश की स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख संगठन रहा हैं और सेवा दल का स्वर्णिम इतिहास ही भारत की आजादी का इतिहास रहा हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कमल कल्ला ने कहा कि सेवादल प्रचारक नहीं विचारक तैयार करता है। ये देश गांधी नेहरू का देश है जहां हिंदू मुसलमान सिख ईसाई मिलजुलकर रहते हैं और इस देश की संस्कृति साझा संस्कृति रही हैं। भारत की आजादी की लड़ाई सभी धर्म के लोगों ने मिलकर लड़ी ऐसे में कुछ ताकतें देश को तोड़ने बांटने का जो काम कर रही हैं वह किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा। कमल कल्ला ने कहा कि बीकानेर भी कौमी एकता का शहर रहा हैं और सेवा दल की ये जिम्मेदारी हैं कि वह देश के इस सांस्कृतिक भाईचारे को कायम रखे। कल्ला ने बताया कि आने वाले समय में बीकानेर सहित प्रदेश सेवा दल सदस्यता बढ़ाएगा और कई कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच जाकर काम करेगा। समारोह में अपनी बात कहते हुए सेवादल के वीरेंद्र किराडू ने पिछले सालों में सेवा दल के माध्यम से किए गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट पेश की। किराडू ने बताया कि सेवा दल ने महिला समूह के माध्यम से स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ाया है। किराडू ने बताया कि सेवा दल ने कोरोना काल में सेवा का काम किया। समारोह में सेवा दल की स्वाति पारीक ने कहा कि सेवादल ऐसा संगठन हैं जिसमें पुरुष और महिला को समान नजर से देखा जाता हैं। स्वाति पारीक ने कहा कि सरोजनी नायडू, कमला नेहरू, इंदिरा गांधी, की पार्टी का मुकाबला आज पुरुष मानसिकता के ऐसे संगठन से हैं जहां महिलाओं को कभी स्थान कहीं नहीं दिया गया।
श्याम नारायण रंगा ने सेवा दल के इतिहास की विस्तार से जानकारी दी। रंगा ने कहा कि सेवा दल अनुशासन का दूसरा नाम हैं और आज सेवा दल को फिरकापरस्त ताकतों से मुकाबला करना हैं। समारोह की शुरुआत में सेवा दल के साजिद सुलेमानी ने विचारधारा की लड़ाई में सेवा दल के महत्व को बताया, नए सदस्यों का स्वागत किया और कहा कि आज सेवा दल को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए आजादी को कायम रखने में अपनी भूमिका निभानी हैं। देहात अध्यक्ष संजय गिला ने सभी आगुंतको का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन ज्योतिप्रकाश रंगा ने किया। इस अवसर पर दिनेश जोशी, राजेश दुजारी, शोएब अहमद, अर्पित राठी, अता हूसेन, एन॰डी॰ क़ादरी, सुनीता पुरोहित, सुजाता बजाज, एड. कमल रंगा, मदन गोपाल व्यास, नत्थु महाराज, मोहित बिस्सा, मस्तान नायक, दिलीप लखानी, जावेद चूनगर, लाल जी गहलोत, मनोज कुम्हार हलवाई, एजाज़ पठान , आबिद अली सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।