18 हजार श्लोकों का सार है भागवत- भागवताचार्य व्यास
बीकानेर । गोकुल सर्किल स्थित सूरदासाणी बगेची में आज श्रीमती दुर्गा देवी चूरा की पावन स्मृति में -चूरा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा का भव्य शुभारम्भ हुआ। सुबह 9.15 बजे गणेश दास चूरा के आवास से भव्य कलश यात्रा सभी कथा प्रेमियों के सानिध्य में निकाली गई। यात्रा के दौरान लाल चुन्दड़ी की साड़िया पहनी महिलाएं प्रभु श्री कृष्ण के नाम की स्वर लहरिया बिखेरती हुई जा रही थी। सारा माहौल ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कान्हा की नगरी गोकुल में पहुंच गए हो। इसके बाद कथा स्थल पर भागवताचार्य मुरली मनोहर व्यास के श्री मुख से कथा का मधुर शुभारम्भ हुआ।
कथा प्रसंग में भागवताचार्य व्यास ने बताया कि वेदों का सार भागवत है। सिर्फ स्मरण मात्र से हरि हमारे पास आ जाते हैं। भागवत 18000 श्लोकों का सार है। पहले दिन भागवत जी एवं शुकदेव जी का पुनीत प्रसंग सुनाया गया। भक्तों से भरे पंडाल में भक्तिमय परिवेश बन गया। बीच बीच में मथुर भजनों की सुर सरिता बहती रही। कथा के अनुरूप अनेक जीवन्त झाकियां प्रस्तुत की गई। फिर भव्य आरती की गई जिसमें नारायण दास, गणेश दास, विश्वनाथ, गोपी किशन, गोकुल चूरा आदि परिजन शामिल हुए। रात्रि को भजन संध्या का आयोजन भी रखा गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद प्रदीप व्यास ‘हिन्द’ ने किया।