बीकानेर में हो कारपेट के लिए कॉमन फेसिलिटी सेंटर की स्थापना
– बीकानेर से जाता है देश के गलीचा उद्योग का 80 प्रतिशत कच्चा माल
बीकानेर। बीकानेर में बहुत लंबे समय से ऊन विकास से सम्बंधित उद्योग विकसित हो रहे हैं। यहां अनुमानित रूप से प्रतिदिन 2 लाख किलोग्राम से भी ज्यादा यार्न का निर्माण होता है और ये भारत के गलीचा उद्योग के लिए लगभग 70 से 80% तक का कच्चा माल है। बीकानेर ऊन प्रोसेसिंग एवं यार्न निर्माण की लगभग 250 से अधिक यूनिट काम कर रही है। बीकानेर में ऊन उद्योग को यार्न से कारपेट के रूप में विकसित करने के लिए कारपेट के लिए कॉमन फेसीलिटी क्षेत्र की महत्ती आवश्यकता है। जिसके लिए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड की एकीकृत ऊन कार्यक्रम के तहत 100% वित्तीय सहायता ली जा सकती है। इसके लिए केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल द्वारा भी भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय से बीकानेर में केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड के एकीकृत ऊन विकास कार्यक्रम के तहत कॉमन फेसीलिटी सेंटर स्थापित करने के लिए अनुशंसा की गई है। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं करणी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश कोठारी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में अतिरिक्त जिला कलक्टर अरुण प्रकाश शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने शर्मा से केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड के एकीकृत ऊन विकास कार्यक्रम के तहत कॉमन फेसीलिटी सेंटर स्थापित करने के लिए बात की। इसके लिए रीको लिमिटेड जयपुर के प्रबंध निदेशक से खारा औद्योगिक क्षेत्र में फेसिलिटी के लिए छोड़ी गई भूमि में से 4000 मीटर भूमि टोकन मनी पर दिलवाने की अनुशंसा करवाने को कहा है।