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करणी इंडस्ट्रियल एरिया में नहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर का नामों निशान

– हिचकौले खाता एरिया का ट्रांस्पोर्ट
– जर्जर सड़कें, फेल सीवरेज और पसरी गंदगी
– पनप रही है मच्छरों की फैक्ट्रियां

बीकानेर। टूटी जर्जर सड़कें, फेल सीवरेज सिस्टम, जमीन सुंघते बिजली के पोल और चारों ओर पसरी गंदगी ही गंदगी है। यह नजारा है बीकानेर की करणी इंडस्ट्री एरिया का। इस एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर का नामोनिशान भी दिखाई नहीं देता है।

जहां पिछले दो-तीन सालों से सड़कों की इतनी जबरदस्त दुर्दशा हो चुकी है कि औद्योगिकी उत्पादनों को लाने ले जाने वाले वाहनों को हिचकौले खाते देखा जा सकता है। इलाके के उद्यमी एवं लैबर इस स्थिति से बेहद दुखी एवं परेषान हो चुके हैं। श्रमिक प्रफुल दत्त व उत्पल कुमार का कहना है कि बरसात के दिनों में आया पानी कई कई दिनों तक सड़कों पर जमा रहता है और हमें सोचना पड़ता है कि फैक्ट्री तक कैसे पहुंचे।

क्षेत्र के कारोबारियों का कहना है कि इन दिनों ऊन मिलों का काम अच्छा चल रहा है। ऐसे में सीवरेज सिस्टम खराब होने से इन इकाईयों का पानी सड़कों पर आ जाता है। इससे सड़कें टूट रही है। अब तो हालात यह है कि गड्ढों में सड़कें ढूंढनी पड़ रही है। इलाके में कौनसा सेक्टर किस एरिया में है बताने वाले डिस्पले बोर्डों को जंग लग चुका है और कुछ टूट चुके हैं। पार्कों के बुरे हालात है। उनकी दीवारें व गेट तक गायब हो चुके हैं। सुकून देने वाले पेड़ों की जगह झाड़ियों ने ली है। गंदले पानी व झाड़ियों में मच्छरों की फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं। ऐसे में डेंगू का डर सताता रहता है। इस माह तक बीकानेर में करीब 250 से ज्यादा करीब डेेंगू मरीज आ चुके है। कारोबारियों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र के बुरे हालात देख कर बाहरी पार्टियां यहां आने से हिचकिचाती है। इसलिए इस स्थिति से जितनी जल्दी निजात मिल जाए तभी यहां के उद्योग जगत की सेहत सुधर सकेगी।

करोड़ों का रेवेन्यू और रिटर्न शून्
कारोबारियों का कहना है कि रीको इस औद्योगिक क्षेत्र से सालाना करोड़ों रूपए का रेवेन्यू वसूल करता है और बदले में रिटर्न शून्य है। एक कारोबारी ने तो बताया कि रीको ने कोरोनाकाल जैसी विकट स्थितियों में हर इंडस्ट्री से प्रति मीटर 10 रूपए से अधिक सर्विस चार्ज लिया गया। जबकि दो साल पहले 8 रूपए की दर थी। इतना ही नहीं पानी का बिल भी 10 गुना ज्यादा कर दिया है। ऐसे में इन विकट परिस्थितियों में सरवाइव कर पाना बेहद मुष्किल हो रहा है।

झाड़ियों के झुरमुट से संचालित शराब के अवैध ठेके
करणी औद्योगिक क्षेत्र के कारोबारियों ने बताया कि क्षेत्र में शराब के अवैध ठेके चलते हैं। कुछ तो झाड़ियों के झुरमुट में शाम गहराते ही शराब की सप्लाई करते हैं जो हमारी लेबर की सेहत के लिए ठीक नहीं है। इस पर प्रशासन को सख्त एक्शन लेना चाहिए।  

इनका कहना है-
हमारे औद्योगिक क्षेत्र में नालियां टूटी पड़ी है और सड़कें चलने योग्य नहीं है। इससे ट्रांस्पोर्ट में दिक्कत होती है। सड़कों पर गड्ढे दिन प्रति दिन गहरे होते जा रहे हैं और रीको का ध्यान महज जमीने बेचने पर है। हालांकि बीच बीच में मरम्मत होती है, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद हालात वही हो जाते हैं।
– पुनीत मित्तल, डायरेक्टर, कोनार्क मेटल्स

क्षेत्र में नाले जाम होने से जगह-जगह सड़कों पर पानी जमा पड़ा है। थोड़ी बारिष होने पर डेढ-डेढ फुट पानी आ जाता है। षिकायतें करने पर कोई असर नहीं हो रहा है। हम अपनी फैक्ट्री के आगे नाले को स्वयं ठीक करवा रहे हैं और इस पर करीब दो लाख रूपए खर्च कर चुके हैं।
– मनोज अग्रवाल, प्रमुख, बच्चु भाई दाल मिल

करणी इंडस्ट्री एरिया में लाइट, पानी, सीवरेज और सड़कों का भठ्ठा बैठ चुका है। रीको के आरएम को बीसों बार अवगत करवा चुके हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही। पीने के पानी तक की क्वालिटी बेहद घटिया है। इसके चलते 50 प्रतिशत इकाईयों ने कनेक्शन हटा लिए हैं और टैंकर से पानी मंगवा रहे हैं। क्षेत्र में करीब 500 स्ट्रीट लाइटें हैं और इनमें 50 भी नहीं जलती। ये हालात हैं।
– विजय जैन, महासचिव, करणी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

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