देश में सेमीकंडक्टर ज्ञान की ज्योति को आगे बढ़ाएं प्रशिक्षणार्थी : डॉ . पंचारिया
सीएसआईआर-सीरी में संपन्न हुआ ‘शिल्प’ कार्यक्रम के प्रथम बैच का प्रशिक्षण
पिलानी, 9 अक्टूबर। सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान (सीएसआईआर-सीरी) द्वारा इंजीनियरिंग और विज्ञान विद्यार्थियों के लिए आरंभ किए गए महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम सेमीकंडक्टर हाई इम्पैक्ट लर्निंग प्रोग्राम (शिल्प) के पहले बैच का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। समापन सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया, मुख्य वैज्ञानिक डॉ पी के खन्ना, शिल्प के समन्वयक डॉ अभिजीत कर्माकर, पी एम ई प्रमुख डॉ सुचंदन, कार्यक्रम के प्रशिक्षणार्थियों एवं प्रशिक्षकों सहित संस्थान के वैज्ञानिक एवं अन्य सहकर्मी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि 27 सितंबर से 8 अक्टूबर तक आयोजित 15 दिवसीय इस गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेरठ इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ; गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार तथा आर पी एस डिग्री कॉलेज बलाना, महेन्द्रगढ़ की 15 छात्राओं ने यह उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। डॉ पंचारिया ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए।
भारत सरकार के कौशल विकास अभियान से कदम मिलाते हुए सीएसआईआर की कौशल विकास पहल के अंतर्गत आरंभ किया गया यह महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम देश में सेमीकंडक्टर उद्योग जगत के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के दूरदर्शी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आरंभ किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षार्थियों को डायोड फैब्रिकेशन, वेफर क्लीनिंग, फोटो मास्क मेकिंग, लिथोग्राफी, ऑक्साइड एचिंग, डिफ्यूज़न प्रोसेस, थर्मल ऑक्सीडेशन, पैकेजिंग टेक्नोलॉजी आदि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी एवं इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
समापन सत्र में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अभी बहुत काम किया जाना शेष है और दक्ष एवं कुशल जनशक्ति की बहुत आवश्यकता है। देश के कॉलेजों में सेमीकंडक्टर प्रशिक्षण संबंधी सीमाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीरी में न केवल उच्चस्तरीय शोध एवं प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध है अपितु प्रशिक्षण हेतु कुशल वैज्ञानिक तथा तकनीकी जनशक्ति भी है। हमें आशा है कि आप सभी यहां प्राप्त प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए होंगे और यहां के अनुभव अपने-अपने कॉलेजों में अवश्य साझा करेंगे। डॉ पंचारिया ने सभी छात्राओं को सेमीकंडक्टर इंजीनियरिंग में सीरी में दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने प्रशिक्षण से जुड़े सभी वैज्ञानिकों एवं तकनीकी सहकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे साथियों ने न केवल इस चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया अपितु प्रशिक्षण की संकल्पना को मूर्तरूप दिया।
इस अवसर पर वरिष्ठतम मुख्य वैज्ञानिक डॉ पी के खन्ना, कार्यक्रम के समन्वयक एवं कौशल विकास कार्यकम के प्रमुख डॉ अभिजीत कर्माकर तथा पीएमई प्रमुख डॉ सुचंदन पाल ने भी सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई दी। छात्राओं ने भी प्रशिक्षण के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम और प्रशिक्षकों के प्रति आभार जताया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ विजय चटर्जी, वैज्ञानिक ने डॉ पंचारिया सहित सभी अधिकारियों एवं उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों एवं अन्य सहकर्मियों का स्वागत किया। अंत में उन्होंने सभी के प्रति आभार भी व्यक्त किया।