बीमा पॉलिसी के लिए हार्ड कॉपी विभाग में जमा करवाएं कार्मिक
बीकानेर, 8 अक्टूबर। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की राज्य बीमा योजना के तहत जिन राज्य कर्मचारियों की 1 अप्रेल 2021 से बीमा की कटौती प्रारम्भ हुई है, ऐसे समस्त कार्मिकों को राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत पॉलिसी जारी की जानी है, लेकिन ऐसे कार्मिकों ने प्रथम घोषणा पत्र ऑनलाईन पूर्तिकर उसकी हार्ड कॉपी बीमा विभाग में जमा नहीं करवाई है, तो ऐसी स्थिति में पॉलिसी जारी किया जाना संभव नहीं है।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार जोशी ने ऐसे समस्त कार्मिकों तथा उनके आहरण-वितरण अधिकारियों से ऑनलाईन पूर्ति करते हुए प्रथम घोषणा पत्र की हार्ड कॉपी मय जी.ए. 55 व बीमा रिकॉर्ड बुक डीडीओ के माध्यम से तुरन्त बीमा विभाग में जमा करवाना सुनिश्चित करने को कहा है, जिससे कि ऐसे कार्मिकों को पॉलिसी जारी की जा सके। उन्होंने बताया कि इस सूचना के पश्चात भी सम्बन्धित कार्मिकों द्वारा उक्त दस्तावेज बीमा विभाग को प्राप्त नहीं होने की स्थिति में ऑनलाईन पूर्ति किए हुए प्रथम घोषणा पत्र रिजेक्ट हो जाएंगे और रिजेक्ट होने के पश्चात उनकी पॉलिसी जारी नहीं हो पाएगी तथा पॉलिसी जारी करवाने के लिए सम्बन्धित को पुनः वही प्रक्रिया अपनानी होगी।
मानसिक रोगियों के प्रति फैली गलत धारणाओं को दूर किया जाए
मानसिक रोग का वैज्ञानिक पद्धति से उपचार संभव
बीकानेर, 8 अक्टूबर। पीबीएम हॉस्पिटल के मानसिक एवं नशा मुक्ति विभाग में चल रहे सात दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत शुक्रवार को मानसिक रोग एवं नशा मुक्ति विभाग में जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश एवं सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण मनोज कुमार गोयल की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. हरफूल सिंह बिश्नोई, सह-आचार्य श्रीगोपाल गोयल, सह-आचार्य डॉ. राकेश गढ़वाल, डॉ. निशांत चौधरी, डॉ. संगीता हटीला, चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवानंद खरोलिया, डॉ. मुरलीधर स्वामी एवं स्टॉफ, मानसिक रोगियों के परिजन शामिल हुए। मनोज कुमार गोयल ने मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों एवं कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी एवं वर्तमान समय में मानसिक रोगी सही इलाज प्राप्त करने के लिए किस प्रकार कानून की सहायता ले सकते हैं, इस बारे में बताया। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बिल के तहत हर मानसिक रोगी को स्वयं पर होने वाले इलाज, इलाज की सम्पूर्ण प्रकिया एवं अपने बारे में सभी प्रकार के निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति का निर्धारण करने का अधिकार होगा। उन्होंने मानसिक रोगियों के लिए आमजन को संवेदनशील होने की प्रेरणा दी। विभागाध्यक्ष डॉ. हरफूल सिंह विश्नोई ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और बताया कि मानसिक रोग मस्तिष्क के रसायनों में होने वाले असंतुलन की वजह से होते हैं, जिसके फलस्वरूप विभिन्न प्रकार के मानसिक लक्षण उत्पन्न होते हैं तथा शारीरिक रोगों की तरह मानसिक रोगों का भी वैज्ञानिक पद्धति से ईलाज संभव है। उन्होंने मानसिक रोगों से संबंधित समाज में व्याप्त विभिन्न अंधविश्वासों एवं गलत धारणाओं पर प्रकाश डाला। सह-आचार्य डॉ.श्रीगोपाल गोयल ने विभिन्न मानसिक रोगों और उनके लक्षणों के बारे में बताया और मानसिक रोगियों के साथ समाज में होने वाले भेद-भावों तथा मानसिक रोगों के जुड़ी विभिन्न भ्रान्तियों के बारे में जानकारी दी।
सड़सठवें वन्यजीव सप्ताह का हुआ समापन
बीकानेर, 8 अक्टूबर। सड़सठवें वन्यजीव सप्ताह का शुक्रवार को समापन हुआ। इस अवसर पर जन्तुआलय परिसर स्थित पक्षी प्रकोष्ठ में पारितोषिक वितरण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान वन्यजीव सप्ताह के तहत आयोजित चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। इस वर्ष के वन्यजीव सप्ताह की थीम ‘फोरेस्ट एंड लाइवलीहुड सस्टेइनिंग पीपुल एंड प्लानेट’ थी। अध्यक्षता उप वन संरक्षक रंगास्वामी ई. ने की। उन्होंने ‘सस्टेनेटबल डवलपमेंट विषय पर अपनी बात रखी। उप वन संरक्षक (विभागीय कार्य) वीरभद्र सिंह ने पेड़-पौधों के रोपण एवं वन्य जीवों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। सेवानिवृत्त उप वन संरक्षक रामनिवास कुमावत ने वन्यजीवों एवं पेड-पौधों के सहजीवन तथा कौशल कुमार सक्सेना ने गोडाण व वन्यजीवों के सरंक्षण के बारे में बताया। भारतीय स्काउट एंड गाइड के संभाग प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने कहानी के माध्यम से वन्यजीव एवं पेड़ों की सुरक्षा का संदेश दिया। केन्द्रीय विद्यालय नंबर एक के प्रधानाचार्य सतवीर सिंह भी इस दौरान मौजूद रहे। संचालन सेवानिवृत्त क्षेत्रीय वन अधिकारी भंवरसिंह ने किया। लोक कलाकार ठाकुर दास स्वामी ने प्रस्तुतियां दी। उप वन संरक्षक (वन्यजीव) डॉ. सुनील कुमार गौड़ ने वन्य जीवों की क्षमताओं और आवश्यकताओं के बारे में बताया तथा आगंतुकों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि वन्यजीव सप्ताह के दौरान बैंगलोर की डॉ. अबी तमीम वनक और डॉ. मारिया ठकर ने पक्षियों और वन्यजीवों से संबंधित जानकारी दी। स्काउट गाइड के विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों द्वारा जन्तुआलय में श्रमदान किया। जोड़बीड़ कंजरर्वेषन रिजर्व में भी स्वच्छता एवं जागरुकता रैली का आयोजन किया गया।