अफगान संकट ने बिगाड़ा मिठाई नमकीन कारोबार का जायका
बीकानेर। अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन होने के बाद से भारत से कारोबारी रास्ते बंद हो गए हैं। इसके चलते भारत में अधिकांश खाद्य सामग्री के भाव बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। खासकर ड्राई फ्रूट्स के भाव आसमान छू रहे हैं और इन पर आधारित मिठाईयों के भाव भी 25 फीसदी बढ़ गए हैं। हालात यह है कि 600 रूपए प्रति किलो बिकने वाला काजू 800 रूपए प्रति किलो बिक रहा है। ऐसे ही अखरोट, किशमिश, मुनक्का, अंजीर, पिस्ता सहित सभी ड्राई फू्रट्स के दाम 200 से 300 रूपए की बढ़ोतरी हुई है। इससे बादाम, अंजीर की कतली के भावों ने तो उपभोक्ताओं का जायका ही बिगाड़ दिया है। कारोबारियों का कहना है कि अंजीर कतली के भावों का अभी नहीं सर्दी में पता चलेगा, लेकिन बादाम कतली अभी से रूला रही है। अफगानिस्तान संकट व कैलीफोर्निया में आग के चलते बादाम महंगे हो रहे हैं। कारोबारियों ने बताया कि अफगान संकट का जल्द ही कोई हल नहीं निकला तो बीकानेर में मिठाईयों के भाव और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे। इतना ही नहीं अफगानिस्तान से आने वाली हींग भी बहुत महंगी हो गई है। इससे नमकीन का जायका भी बिगड़ जाएगा क्योंकि कारोबारी नमकीन में डाली जाने वाली हींग की मात्रा को कम करने की बात कर रहे हैं। बीकानेर के कारोबारियों ने बताया कि अफगान संकट का कारोबार पर यह शुरूआती असर है आगे दुनिया के प्रति तालिबान के नजरिए पर निर्भर रहेगा। विश्व बिरादरी कैसे मान्यता देगी इसके बाद ही इम्प्रुवमेंट आएगा। ऐसे काफी आइटम है जिनकी इंडिया से पूर्ति नहीं होती, पूर्ति अफगानिस्तान से ही होती है और इंडिया से पार नहीं पड़ेगी।
नहीं रूकता कारोबार
कारोबारियों का कहना है कि दो राष्ट्रों में रिश्ते कैसे भी हो, कारोबारी रास्ते बदल जाते हैं, लेकिन कारोबार नहीं रूकता। पाकिस्तान ने भारत से ंव्यापार में प्रतिबंध लगा रखा है और भारत ने इम्पोर्ट डयूटी 200 प्रतिशत कर रखी है। ऐसे में पापड़ में डाली जाने वाली साजी पाकिस्तान से दुबई आती है और फिर वहां से इंडिया आती है। बिलिंग दुबई से हो रही है। वियतनाम से भारत में काली मिर्च प्रतिबंधित हो रखी है, लेकिन वियतनाम काली मिर्च श्रीलंका को देता है और श्रीलंका भारत को भेज देता है। छुआरे पाकिस्तान से प्रतिबंधित है, लेकिन नेपाल के रास्ते भारत आ रहे हैं। इसके चलते ट्रांस्पोर्ट भाड़ा जरूर ज्यादा लगता है, लेकिन कारोबार नहीं रूकता।
डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं
कारोबारियों ने बताया कि अफगानिस्तान से सूखी खुबानी, चेरी, तरबूज, औषधीय जड़ी बूटियां और ताजे फल भी इम्पोर्ट होते हैं। कोरोना के चलते सूखे मेवे की डिमांढ़ भी बढ़ी है और आगे त्यौहारी व सर्दी का सीजन भी आ रहा है, लेकिन उस अनुपात में सप्लाई नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि भारत में दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। कारोबारियों का यह भी कहना है कि अफगान संकट से केवल मिठाई नमकीन ही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों के दाम भी तेजी से बढ़ने की संभावना है।
इनका कहना है-
अफगान संकट के चलते ड्राई फ्रूट्स डेढ़ सौ रूपए से बढ़कर 300 रूपए महंगा हो गया है। मजबूरन कतली 440 रूपए से बढा़कर 520 रूपए कर दी है। बाजार में ड्राई फ्रूट्स के सारे आइटम तेज हो गए हैं। यह प्रारम्भिक प्रभाव है आगे दूरगामी प्रभाव ज्यादा पड़ेंगे। अफगानिस्तान में इंडियन रूपया चलता था अब अन्य देशों से माल मंगवाएंगे तो डाॅलर देने पड़ेंगे। इससे भावों पर और ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
– वेद प्रकाश अग्रवाल, प्रमुख, प्रेम मिष्ठान भंडार, रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र
दलहन बाजार पर अफगान संकट का कोई इम्पेक्ट नहीं है। क्योंकि अपना माल तो बांग्लादेश व दुबई जाता है। मुख्यतः ड्राई फ्रूट्स कारोबारियों पर प्रभाव पड़ा है क्योंकि ड्राई फ्रूट्स के भाव डेढ़ गुणा ज्यादा हो गए है। दाम बढ़ने के कारण ड्राई फ्रूट्स की कम पैदावार और अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कंटेनर्स की कमी भी है।
– अशोक वासवानी, प्रमुख, मोहन उद्योग, करणी औद्योगिक क्षेत्र
ड्राइफ्रूट महंगा होने से मजबूरन मिठाईयों के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं। ड्राई फ्रूट्स आधारित मिठाई प्रति किलो 40 रूपए बढ़े हैं। अफगान संकट का समाधान नहीं हुआ तो भावों में 300 से 400 रूपए की बढ़ोतरी हो सकती है।
– राजेन्द्र अग्रवाल, प्रमुख, रूपचंद मोहनलाल एंड कम्पनी, जस्सूसर गेट
बादाम बहुत महंगा हो गया है। बादाम आधारित मिठाई वास्तविक रेट से 25 प्रतिशत बढ़ गई है। यानि जो मिठाई 700 रूपए किलो थी वह अब 1000 रूपए तक चली गई है। इसके अलावा साजी व हींग पर इम्पेक्ट आएगा क्योंकि यह अफगान रूट से आती है। पाकस्तिान से आने वाली साजी अभी बंद है। अफगानिस्तान से आॅरिजनल हींग आती है। हींग से कचैली के भावों पर फर्क आएगा। हालांकि यह फर्क पैसों में आएगा, लेकिन सप्लाई बाधित होगी। आगे जाकर हो सकता है लोगों को हींग के स्वाद से वंचित रहना पड़ सकता है।
– मोहित सिंगोदिया, किशन स्वीट्स, केईएम रोड
हींग एक हजार रूपए प्रति किलो महंगी हो गई है। अफगान संकट से पहले हींग 6 से 7 हजार के भाव थे और अब 8 हजार के भाव पहुंच गए हैं। भारत में हाथरस हींग का हब है। वहां अफगानिस्तान से हींग आती है। अब कारोबारी हींग की क्वांटिटी कम कर देंगे। यानि 10 ग्राम की जगह 9 ग्राम यूज करेंगे। अंजीर भी बहुत महंगा हो गया है। अभी इस पर आधारित मिठाईयों के भावों का पता नहीं चल रहा है। इसका सर्दी में पता चलेगा। अभी व्यापार तो कर सकते हैं, लेकिन प्रतिबंध के चलते लेनदेन नहीं हो सकता। इससे माल नहीं आ रहा है।
– महेन्द्र अग्रवाल, पापड़ कारोबारी