मंदी, कोरोना वायरस और मंडी शुल्क से बंद होने के कगार पर पहुंचे उद्योग
बीकानेर। इन दिनों प्रदेष के व्यापारी उद्यमी बड़ी परेषानी में हैं। पहले से चल रही आर्थिक मंदी और फिर कोरोना वायरस से जुड़ी बाधाओं के साथ बकाया मंडी शुल्क के चलते अधिकांष उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। राज्य सरकार के आदेषानुसार जारी बकाया मंडी शुल्क माफी योजना की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 रखी गई है जो कि व्यापारी उद्यमी के लिए काफी कम है। जैसा कि विदित है कि इस वक्त राज्य के कृषि आधारित उद्योग भयंकर मंदी मार से जूझ रहे हैं और वर्तमान में पूरे देष में कोरोना वायरस के कारण ट्रेड एवं इंडस्ट्री उद्योगों पर कोढ़ में खाज का काम कर रहा है और इससे अधिकतर कृषि आधारित उद्योग बंद होने के कगार पर आ गए हैं और साथ ही मार्च माह में क्लोजिंग का समय रहता है एवं कोरोना की जटिल समस्या के कारण अधिकतर कर्मचारी भी अनुपस्थित रहते हैं जिससे इस योजना के विषय को लेकर आवेदन किया जाना संभव नहीं है। ऐसे समय में राज्य सरकार द्वारा अल्प समय देते हुए ऐसी योजना को जारी कर पूर्व में मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को अस्तित्व पर तलवार लटका दी है। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वीरेन्द्र किराडू ने कृषि विपणन निदेषक ताराचंद मीणा को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि देष में फैल रहे कोरोना वायरस के दंष एवं उद्योगों में आई भारी मंदी को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी बकाया मंडी शुल्क माफी योजाना की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून तक कर दी जाए।