‘लेय तिरंगो निकल पड्यां हां म्हें माटी का लाल हां…
– स्वतंत्रता दिवस पर राजस्थानी कवयित्री गोष्ठी आयोजित
बीकानेर, 15 अगस्त। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत रविवार को अकादमी सभागार में राजस्थानी कवयित्री गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान कवयित्रियों ने मायड़ भाषा में रचित कविताओं के माध्यम से अमर शहीदों द्वारा दिए गए बलिदान, देशभक्ति व स्वतंत्रता दिवस की महत्ता का वर्णन किया।
इस अवसर पर कवयित्री मोनिका गौड ने स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि-‘लेय तिरंगो निकल पड्यां हां म्हें माटी का लाल हां, म्हें भगत सिंह, राजगुरु, गाँधी, बाल अर पाल हां।’ कवयित्री डॉ. रेणुका व्यास नीलम ने अपनी कविता में देश की महिमा का बखान करते हुए कहा कि ‘‘धरती म्हारी उगळै सोनो, मिनख गुणां री खान जी, छैल छबीलो रंग रंगीलो, म्हारो हिन्दुस्तान जी। सै देसां में छिब निरवाळी, म्हारो देस महान जी।’ कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने मातृभूमि को नमन करते हुए कहा कि ‘धोरां वाळी धरा मरुधर हर्यो भर्यो पंजाब रे, कश्मीर केसर रंग ढुळ्यो सुरग धरा रो मान रे, हरख हरख जस गावो इण रा जय जय हिन्दुस्तान रे।’
कार्यक्रम में अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को परतंत्रता की बेड़ियों से आज़ाद करवाने के लिए अथक संघर्ष किया और देशहित में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। समस्त देशवासी इन महान देशभक्तों के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में अपना हरसंभव योगदान दें।सूचना सहायक केशव जोशी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कनिष्ठ लेखाकार अनुराधा स्वामी, अमित मोदी, कमलादेवी सोनी, राजकुमारी सोनी, कानसिंह, मनोज मोदी उपस्थित थे।
राजस्थानी भाषा अकादमी द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित