“महज 5 दिन में 3.40 लाख की बिक्री, 3500 खेजड़ी के पौधे ले गए दूर दराज के 56 किसान”
किसानों को सफल पौधरोपण की सलाह के साथ सीजन में अब तक 44 हजार पौधे बेचे व मांग को देखते हुए 50 हजार और पौधे तैयार का लक्ष्य – कुलपति, प्रो. आर.पी.सिंह
बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय स्थित नर्सरी द्वारा कोरोना महामारी के बीच इस सीजन में किसानों व काश्तकारों को 44 हजार विभिन्न छायादार,फलदार सजावटी पौधे बेचे जा चुके है और पौधों की मांग को देखते हुए 50 हजार विभिन्न पौधे तैयार करने का काम चल रहा है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी.सिंह ने बताया की नर्सरी में ख़रीदारों का तांता लगा रहता है। विशेषकर ग्राफ़्टेड़ खेजड़ी की मांग अधिक रहती है। ग्राफ़्टेड़ खेजड़ी पौधे तैयार करने की विधि में कम पौधे ही जीवित रह पाते है। ग्राफ़्टेड़ खेजड़ी विशेषता है कि यह 3-4 साल में ही फल देने लगती है। किसान बहुत दूर जैसे की पोकरण, जैसलमेर, फलोदी जोधपुर, सीकर, झुंझुन, गंगानगर, नागौर डेगाना, बीकानेर कई कस्बों व गावों से आ रहे है। इसको देखकर लगता है कि मरु क्षेत्र के किसानों की खेजडी की मांग को ज़्यादातर इसी नर्सरी द्वारा पूरा किया जा रहा है। विगत पाँच दिनों में लगभग 3500 खेजड़ी के पौधे ले जाए गए है, खेजड़ी व अन्य पौधों की बिक्री से 3.40 लाख की बिक्री हुई। इस वर्ष कोरोना महामारी के बावजूद भी वर्षा ऋतु, 15 जून के बाद लगभग 44 हजार पौधे तैयार कर बेचे जा चुके हैं। अभी भी पौधों की मांग बनी हुई है इसलिए लगभग 50 हजार विभिन्न पौधे नीम, बकायन, बड़ पीपल, शहतूत, बेर, मेहंदी, क्लोरो,पपीता इत्यादि और तैयार किए जा रहे हैं। निदेशक भू सादृश्यता, राजस्व सृजन एवं प्रसार, डॉ. सुभाष चंद्र ने बताया की कुलपति के निर्देशानुसार पोषण एवं पौष्टिकता बढ़ाने के लिए नर्सरी के पॉलीहाउस में मिर्च टमाटर बैंगन की लगभग 60 हजार पौध तैयार की जा रही है जो आगामी 10 दिनों में बिक्री के लिए तैयार मिलेंगी। किसानों काश्तकारों एवं बागवानी के रुचि रखने वाले दिनभर मोबाइल बार पर पौधे के खरीद बिक्री संबंधी जानकारी लेते रहते है। आगंतुक किसानों काश्तकारों की भीड़ को देखते हुए 2 से 3 दिन तक बाद समय दिया जाता है। किसानों काश्तकारों पौधे वितरण के साथ साथ सफल पौध रोपण की सलाह भी दी जा रही है ताकी दूर दराज से आए आगंतुकों का उद्देश्य सफल हो।