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भावनाथ आश्रम में शिव अर्चन, बिल्ब वृक्ष पूजन,भजन और हुआ भंडारा

बीकानेर। श्रीगंगानगर रोड़ संत भावनाथ आश्रम में श्रावण सोमवार को संत भवनाथ महाराज के सानिध्य में ब्राह्मणों ने शिव अर्चन,बिल्व पत्र वृक्ष पूजन किया। इस अवसर पर भवरलाल मांगल द्वारा शिव भजनों व वाणी का कार्यक्रम रखा गया जिसमें कानाराम पंचारिया, सम्पत उपाध्याय, पवन, सोहन व तारु सेन ने तबला, मंजीरा व हारमोनियम के साथ भजनों की प्रस्तुतियां दी । प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने संयोजन किया तथा पण्डित सुरेश महाराज व किशन गहलोत ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन किया गया।
संत भावनाथ महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन दिया।प्रवचन में संत भावनाथ महारसज ने कहा कि देवाधिदेव महादेव का चरित्र ही सफलता का महा अनंत उदाहरण है। यह एक ऐसे देवता हैं जिनकी उपासना देव, दानव, नर, गंधर्व सभी करते हैं। बाबा अपने भक्तों की हर पुकार को सुनते हैं और उसकी श्रद्धा के अनुसार शीघ्र फल भी देते हैं। उन्होंने एक कथा का वर्णन करते हुए बताया कि देवर्षि नारद ने जब भगवान शिव से पूछा कि आप अहर्निश होते हुए भी श्मसान पर वास क्यों करते हैं तो भगवान शिव ने कहा कि हे नारद मानव जीवन सही और बुरे के ज्ञान के लिए दिया गया है लेकिन लोग जीवन को ही सत्य मानकर मानवीय भूल करते रहते हैं।

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