नई प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे सीएसआईआर-सीरी और जोबनेर कृषि विवि
– सीएसआईआर-सीरी और जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
पिलानी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने अन्य क्षेत्रों में अपना योगदान देने के साथ-साथ कृषि उत्पादन बढ़ाने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसान भी अब नई प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रति अपनी रुचि दर्शा रहे हैं। इसी को देखते हुए सीएसआईआर-सीरी और श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर ने कृषि संबंधी यंत्रों के साथ साथ नई प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है। संस्थान के निदेशक डॉ पीसी पंचारिया और कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति प्रोफेसर जेएस संधू ने इस आशय के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।
ज्ञातव्य है कि दोनों संस्थान राजस्थान की ग्रामीण पृष्ठभूमि में सेवारत हैं। डॉ पंचारिया ने बताया कि दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों ने अपने अपने अनुसंधान कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों को लाभान्वित किया है। सीरी संस्थान ने दूध में मिलावट और दूध के पोषक तत्वों का पता लगाने के लिए तकनीकों का विकास किया है। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से इन इलेक्ट्रॉनिक तकनीकों के उपयोग और लाभ की जानकारी से किसानों को अवगत कराया जाएगा । इसी प्रकार इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में काम आने वाले उपकरणों और मशीनों की मरम्मत भी स्थानीय स्तर पर करने के लिए दोनों संस्थान मिलकर प्रशिक्षण संबंधी कार्य योजना तैयार करेंगे। इस समझौता ज्ञापन से जहां एक और किसान लाभान्वित होंगे वहीं ग्रामीण युवकों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने और किसानों की शहरों पर निर्भरता कम करने के लिए भी कार्य योजना तैयार की जाएगी।
सीरी निदेशक डॉ पंचारिया ने समझौता ज्ञापन के संबंध में चर्चा करते हुए मीडिया कर्मियों को बताया कि सीरी ने पूर्व में भी किसानों को लाभान्वित करने के लिए अनेक अनुसंधान किए हैं जिनमें मत्स्य पालन उद्योग को लाभान्वित करने के लिए स्मार्ट बोट, चाय उद्योग के लिए इलेक्ट्रॉनिक विदरिंग प्रणाली, चीनी उद्योग के लिए स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आदि शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान के समय सीएसआईआर-सीरी, पिलानी के निदेशक डॉ पंचारिया और कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संधू के अलावा सीरी जयपुर केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ साईं कृष्णा वडाडी और कृषि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक निदेशक डॉक्टर एनके गुप्ता के अलावा दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे ।