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ऊंटनी के दूध का व्यावसायीकरण जरूरी, मंत्री भाटी सरकार को लिखेंगे पत्र

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उच्च शिक्षा मंत्री ने उरमूल सीमांत समिति स्थित कैमल मिल्क संकलन केंद्र का किया अवलोकन
बीकानेर, 16 जुलाई। उच्च शिक्षा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने शुक्रवार को उरमुल सीमांत समिति बज्जू के मिल्क संकलन केंद्र का अवलोकन किया।
उन्होंने में उष्ट्र दूध संग्रहालय, राठी गाय डेयरी आदि का निरीक्षण भी किया। ऊंटनी के दूध की प्रोसेसिंग यूनिट देखी व ऊंटनी के दूध और आइसक्रीम चखी। मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कैमल मिल्क संकलन केन्द्र ने दूधारू पशु के रूप में ऊंट की उपयोगिता को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ऊंटनी के दूध में कई औषधीय गुण हैं, शोध के बाद वैज्ञानिकों ने इसका महत्व बताया है। भाटी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऊंटों की संख्या तेजी से घट रही है, हमें इसके मद्देनजर सावचेत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऊंटनी के दूध का व्यावसायीकरण जरूरी है। इसके मद्देनजर कैमल मिल्क व इसके उत्पादों की मार्केटिंग के लिए सरकार को पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विषय पर विस्तृत चर्चा के लिए ट्रस्ट के लोग उनसे जयपुर आकर मिल सकते हैं। सभी के सुझावों के आधार पर तैयार रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी।
संकलन केन्द्र निदेशक ने कहा केन्द्र ऊंटनी के दूध पर अनुसंधान कर इसका महत्व साबित कर चुका है। अब इसका विपणन किया जाना है। इसके लिए नीतिगत सहयोग की आवश्यकता है। इस अवसर पर उरमूल सीमांत समिति के अध्यक्ष सुनील लहरी न विचार रखे। कार्यक्रम में रोमल सिंह, रामप्रसाद हर्ष , दीपक गोडे, खेमाराम जल, मोतीराम कुमावत, ओमप्रकाश पँवार, भगवान सहाय आदि उपस्थित थे।

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