आखिरकार बज ही गया मंत्रालयिक कर्मचारियों के संघर्ष का बिगुल
– आन्दोलन के चरणों की घोषणा
जयपुर। आखिरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों के संघर्ष का बिगुल बज ही गया। बार बार राज्य सरकार को चेताया गया, मांग पत्र सौंपे गए, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। ऐसे में राज्य कर्मचारियों को संघर्ष का ऐलान करना ही पड़ा। सूत्रों की माने तो संघर्ष की योजनाबद्ध तैयारियों को देखते हुए कर्मचारियों का इस बार का आन्दोलन सरकार पर भारी पड़ सकता है। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति की बैठक जो कि राज्य केन्द्रीय मुद्रणालय जयपुर में सम्पन्न हुई जिसमें सात सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन में आन्दोलन के चरणों की घोषणा की गयी।
संघर्ष समिति प्रवक्ता शम्भू सिंह राठौड़ ने कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया 11 जुलाई रविवार को 9:00 से 11:00 के बीच संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा राजस्थान सरकार के समस्त मंत्रियों के आवास पर ज्ञापन व आंदोलन के चरणों की सूचना सौंपी जाएगी। 12 जुलाई को 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक शहीद स्मारक पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना संघर्ष समिति के प्रांतीय सदस्यों द्वारा दिया जाएगा। वहीं 22 जुलाई को जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम का सात सूत्रीय मांग पत्र जिला कलक्टर को सौंपा जाएगा। 22 जुलाई से 25 जुलाई तक संपूर्ण राज्य में काली पट्टी बांधकर मध्यान्ह पश्चात आधे दिन का कार्य बहिष्कार एवं 26 जुलाई सोमवार को मध्याह्न पश्चात आधे दिवस कार्य का बहिष्कार के साथ-साथ रात्रि में मशाल जुलूस, 27 जुलाई से 31 जुलाई तक कार्य बहिष्कार कर सभी जिला मुख्यालय कलक्ट्रेट कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन जिला कलक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन करना व सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन, 3 अगस्त मंगलवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश के साथ प्रतिवारी दिन जिला कलक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन।
बैठक स्थल पर प्रेस क्रांफेस का आयोजन भी किया गया जिसमे संघर्ष समिति के गजेन्द्र सिंह राठौड, महेन्द्र सिंह धायल, मदन मोहन व्यास एवं शम्भू सिंह राठौड ने प्रेस को सम्बोधित किया ।
संघर्ष समिति का विस्तार करते हुए सर्वेश्वर शर्मा (रोडवेज), छोटे लाल मीणा (बीमा विभाग), अशोक भंडारी (स्वास्थ्य विभाग) एवं मोहन तनेजा (ईएसआई विभाग), बी.आर.चैपडा (समाज कल्याण विभाग) संघर्ष समिति के सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया ।