विश्व जनसंख्या दिवस : जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का कल होगा आगाज
– नियत सेवा दिवसों पर मिलेगी परिवार कल्याण सेवाएं
बीकानेर, 10 जुलाई। विश्व जनसंख्या दिवस को स्वास्थ्य विभाग परिवार कल्याण को केंद्र में रखकर मनाएगा। स्वास्थ्य केंद्रों पर छोटे परिवार के मूल मंत्र के साथ जनजागरण गतिविधियां की जाएंगी। आशा व एएनएम परिवार कल्याण द्वारा सुखी परिवार के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओ पी चाहर ने बताया कि 11 जुलाई को जनसंख्या मोबिलाइजेशन पखवाड़ा समाप्त होकर जनसँख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा शुरू होगा जिसके तहत 24 जुलाई तक विशेष नियत सेवा दिवस आयोजित कर महिला नसबंदी व एनएसवी जैसी गुणवत्तापूर्ण परिवार कल्याण सेवाएं शहर से लेकर गांव तक दी जाएंगी।
बच्चे 2 ही अच्छे
डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ योगेंद्र तनेजा ने बताया कि इस साल जिलों के ईएलए यानिकी वार्षिक वांछित उपलब्धि स्तर को 2 बच्चों पर आधारित कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जिले को 6,043 नसबंदी का लक्ष्य मिला है। योग्य दम्पतियों से सम्पर्क कर नसबंदी, अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी, छाया, ओरल पिल्स व कंडोम जैसे परिवार कल्याण साधनों की जानकारी आमजन तक पहुंचाई गई है अब इसी दम्पति सम्पर्क अभियान का परिणाम जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान आगामी नियत सेवा दिवसों पर मिलेगा।
‘‘आपदा में भी परिवार कल्याण की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’’
डॉ तनेजा ने बताया कि कोरोना के साए में भी परिवार कल्याण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सावधानी पूर्वक आगे बढाया जाएगा और किसी को भी सीमित परिवार के लाभों से वंचित नहीं रखा जाएगा। इसी सोच के साथ इस साल पखवाड़े की थीम ‘‘आपदा में भी परिवार कल्याण की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’’ रखी गई है। कोविड प्रोटोकॉल के साथ अभियान के लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयास किए जाएंगे।
वैक्सीन के हर स्लॉट पर सैंकड़ो दावेदार
जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया की जिले में कोविड टीकाकरण महा अभियान के दौरान स्पष्ट रूप से वैक्सीनेशन के प्रत्येक स्लॉट पर सैकड़ों दावेदार रहते हैं। इस कारण कुछ ही मिनटों में सभी स्लॉट बुक हो जाते हैं। स्लॉट की ये मारामारी कहीं ना कहीं जनसंख्या के विरुद्ध संसाधनों की सीमितता को परिलक्षित करती है। इजरायल, ब्रिटेन जैसे छोटे देश अपनी संपूर्ण आबादी का टीकाकरण कर चुके हैं लेकिन भारत के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है। देश की आबादी 1 अरब 38 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है और जल्द ही चीन को पछाड़ते हुए हम विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएंगे जो कि निश्चय ही चिंता का विषय है। हमारी आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण समय की मांग है।