गृहस्थों के लिए सर्वाधिक फलदायी है बटुक भैरव की उपासना : इंद्रानंद गिरी महाराज
बटुक भैरव जयंती पर अनुष्ठान
बीकानेर। भैरवगिरी मठ के अधिष्ठाता इंद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्री भैरवनाथ साक्षात् रुद्र हैं। शास्त्रों के सूक्ष्म अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि वेदों में जिस परमपुरुष का नाम रुद्र है, तंत्रशास्त्रमें उसी का भैरव के नाम से वर्णन हुआ है। शिवपुराण में भैरव को भगवान शंकर का पूर्णरूप बतलाया गया है। तत्वज्ञानी भगवान शंकर और भैरवनाथ में कोई अंतर नहीं मानते हैं। वे इन दोनों में अभेद दृष्टि रखते हैं। इंद्रानंद गिरी महाराज रविवार को बटुक भैरव जयन्ति के उपलक्ष्य में बारह गुवाड़ चौक स्थित भैरव दरबार में भैरव अनुष्ठान कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बटुक भैरव की उपासना गृहस्थों के लिए सर्वाधिक फलदायी है। श्रद्धा विश्वास के साथ इनकी उपासना करने वालों की इच्छा बाबा जरुर पूरा करते है। राधे ओझा ने बताया कि पं. प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ के सानिध्य में तीन दिवसीय अनुष्ठान रविवार बटुक भैरव जयन्ति तक चला। इस दौरान कुल 1501 भैरव अष्टोत्तर शतनाम पाठ, स्वर्णकृष्ण भैरव मन्त्र का पंडितों द्वारा जाप, भैरव के 108 नामों से केशर चन्दन चावल व पुष्प से भैरव नाथ के अंगों की पूजा, पात्र स्थापना पूजा, यंत्रों की विशेष पूजा हुई तथा आज तेलाभिषेक, श्रृंगार के पश्चात हवन हुआ। पंडित गणेश कुमार ने भैरव के 108 नामावली से हवन कराया ततपश्चात भैरव स्तुति व महाआरती की गई।