एससी-एसटी न्यायालय ने दिया दण्ड, साढ़े पांच वर्ष पहले का प्रकरण
बीकानेर। करीब साढ़े पांच वर्ष पुराने एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए आज एससी-एसटी न्यायालय ने मारपीट करने और जातिसूचक गालियां निकालने वाले चार आरोपियों को तीन वर्ष का कठोर कारावास और दो हजार रुपए जुर्माना भुगतने का दण्डादेश दिया है। विशेष लोक अभियोजक कुंवर कुन्दन व्यास ने प्रकरण की जानकारी देेते हुए बताया कि एक सीएचडी निवासी मघाराम पुत्र पांचाराम मेघवाल के पर्चा बयान के आधार पर 26 नवम्बर, 2014 को छतरगढ़ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें परिवादी मघाराम ने इलाज के दौरान पुलिस को बताया था कि नौ पुली के पास कुंभाराम की दुकान के आगे दिलाय खां, हेबत खां, अरशद अली और हक नवाज ने एकराय होकर भेड़ चराने की बात को लेकर उसके साथ लाठियों और लात-घुसों से मारपीट की थी। चारों आरोपियों ने उसे जातिसूचक गालियां निकाल कर अपमानित भी किया था।
छतरगढ़ थाना पुलिस ने यह प्रकरण धारा-323, 341, 34 व 308 भारतीय दफा संहिता और धारा-3 एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज किया था। प्रकरण का अनुसंधान कर पुलिस ने एससी-एसटी न्यायालय में चारों आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया। विशेष लोक अभियोजक के द्वारा परिवादी मघाराम, मौके के गवाहों, चिकित्सक और पुलिस के गवाहों के गवाह न्यायालय में करवाए गए। न्यायालय के समक्ष उपरोक्त गवाहों ने घटना की ताकीद की।
सबूतों और तथ्यों के आधार पर एससी-एसटी न्यायालय के अधिकारी बलदेवराज बेनीवाल ने आज चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए भादसं की धारा-308 में तीन वर्ष का कठोर कारावास और दो हजार रुपए का जुर्माना, धारा-323 व 341 में तीन महीने का कारावास भुगतने का दण्डादेश दिया। सरकार की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक कुंवर कुन्दन व्यास ने की।