टिंकरप्रिन्योर बूट कैंप में स्कूली छात्र-छात्राओं को सिखाई जा रही हैं डिजिटल स्किल
जिज्ञासा मिशन के अंतर्गत सीएसआईआर- सीरी ने अटल टिंकरिंग लैब्स के रूप में चार स्कूलों को अपनाया
पिलानी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने जिज्ञासा मिशन के तहत देशभर में 295 स्कूलों को अटल टिंकरिंग लैब्स के रूप में अपनाया है। इसी के अंतर्गत सीएसआईआर की पिलानी स्थित राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर-सीरी ने भी टिंकरिंग लैब के रूप में झुंझुनूँ के चार विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को डिजिटल स्किल सिखाने का दायित्व लिया है जिसमें दो निजी विद्यालय और दो सरकारी विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बुढाना और सेठ दुर्गादत्त जटिया राजकीय आदर्श विद्यालय, बिसाऊ के विद्यार्थी भी इसमें शामिल होंगे।
संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने बताया कि अटल इनोवेशन और जिज्ञासा मिशन के अंतर्गत सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक अटल टिंकरिंग लैब्स को मेन्टर कर रहे हैं और झुंझुनूँ के चयनित विद्यालयों के लिए संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक प्रमोद तँवर ‘मेन्टर ऑफ चेंज’ हैं जो प्रतिदिन ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। अटल इनोवेशन मिशन द्वारा छात्रों के लिए यूट्यूब के माध्यम से वेबिनार की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम के माध्यम से देश की श्रेष्ठ युवा प्रतिभाओं को न केवल वैज्ञानिकों एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों से संवाद का अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है अपितु उन्हें नवीनतम तकनीकों को सीखने व समझने का शानदार अवसर भी प्राप्त हो रहा है।
इस कार्यक्रम के लिए सीरी को आबंटित स्कूलों के 14 विद्यार्थियों का चयन पंजीकरण प्रक्रिया के उपरांत इस कार्यक्रम के लिए किया गया है। नौ सप्ताह तक चलने वाला यह टिंकरप्रिन्योर बूट कैंप 29 मई से आरंभ हो चुका है। इस कार्यक्रम में सीरी के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को तीन विभिन्न वर्गों सरल (Easy), मध्यम (Intermediate) तथा एडवांस (Advance) में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल स्किल सिखाई जा रही हैं। सरल (Easy) वर्ग में बच्चों को गूगल फॉर्म बनाना, फोटो कोलाज, अपना संगीत कंपोज करना, प्रेजेन्टेशन स्लाइड्स को प्रभावी ढंग से तैयार करना, क्यू आर कोड बनाना आदि तकनीकें सिखाई जा रही हैं। वहीं इन्टरमीडिएट वर्ग में वीडियो स्टोरी, वेबसाइट बनाना, ई-बुक लिखना, कंप्यूटर गेम बनाना, चैट बोट बनाना, 3-डी मॉडल, रॉकेट का डिजाइन और सिमुलेशन करना जैसी तकनीकों की जानकारी दी जाती है। एडवांस लेवल में कंप्यूटर प्रोग्राम बनाना, एनिमेशन स्टोरी बनाना, मशीन लर्निंग एप्लिकेशन बनाना, ड्रोन बनाना, मोबाइल एप्लिकेशन बनाना, आईओटी एप्लिकेशन बनाना आदि सिखाया जाता है।
स्कूली विद्यार्थियों को देश के वैज्ञानिकों से सीखने का अवसर प्रदान करने के लिए अटल इनोवेशन और जिज्ञासा मिशन के अंतर्गत अटल टिंकरिंग लैब्स की संकल्पना को मूर्तरूप दिया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का उद्देश्य देश की किशोर जनशक्ति को वैज्ञानिक नवाचार की ओर आकर्षित करने और उद्यमिता (एन्टरप्रिन्योरशिप) के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करना है। भारत में सात हजार से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स हैं जो 30 लाख से अधिक छात्रों को समस्याओ को हल करने और नवाचार करने में मदद करती हैं। अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना नीति आयोग द्वारा ‘अटल इनोवेशन मिशन’ कार्यक्रम के तहत की गयी है। इस योजना के अंतर्गत अटल इनोवेशन मिशन के यूट्यूब चैनल के माध्यम से उद्योग जगत के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जा रहे हैं। सीएसआईआर के अलावा अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘इसरो’ भी इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में सहभागी है।